देहरादून,नीरज कोहली। भारत की अध्यक्षता के तहत तीसरी जी 20 इफास्ट्रक्चर कार्य समूह की बैठक 26 से 28 जून तक उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में होने जा रही है। जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कुल 63 प्रतिनिधि भारतीय जी-20 प्रेजीडेंसी के तहत 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा पर चर्चा को आगे बढ़ाने और मार्च 2023 में विशाखापत्तनम में आयोजित दूसरी आई.डब्ल्यू. जी. बैठक के दौरान हुई चर्चाओं की पश्चातवर्ती कार्यवाही के लिए बैठक में भाग लेंगे।
जी-20 इंफास्ट्रक्चर कार्य समूह बुनियादी ढांचे के निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करता है, जिसमें बुनियादी ढांचे को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ावा देना और बुनियादी ढांचे के निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए नवीन उपकरणों की पहचान करना भी शामिल है। आधारभूत कार्य समूह के नतीजे जी 20 फाइनेंस ट्रैक प्राथमिकताओं में शामिल होते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देते हैं। तीसरी आई.डब्ल्यू. जी. बैठक में 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा की विभिन्न कार्य धाराओं की दिशा में ठोस प्रगति पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में अन्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ ‘कल के शहरों का वित्त पोषण, समावेशी, लचीला और टिकाऊ’ पर की जाने वाली चर्चा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तीन दिवसीय बैठक के दौरान औपचारिक चर्चाओं के आलावा प्रतिनिधियों के लिए विभिन्न आधिकारिक बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। प्रतिनिधियों को ऋषिकेश की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक छटा का अनुभव भी करवाया जाएगा। प्रेसीडेंसी ने 28 जून की दोपहर 2 बजे प्रतिनिधियों के लिए एक भ्रमण की भी व्यवस्था की है। आई.डब्ल्यू.जी बैठकों के मौके पर दो सेमीनारों का आयोजन भी किया जा रहा है। 26 जून को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक के साथ साझेदारी में ‘‘टिकाऊ शहरों के रोडमैप पर उच्च स्तरीय सेमीनार’’ का भी आयोजन किया जा रहा है। तीन सत्रों में होने वाली चर्चा से जी 20 के निर्णय निर्माताओं को तीव्र शहरीकरण और समावेशिता, प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक और डिजीटलीकरण की भूमिका की खोज के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लेकर बुनियादी ढांचे के लचीलेपन तक की प्रमुख चुनौतियों को भी सुनने का अवसर मिलेगा। प्रतिनिधि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी शहरों में से एक नए शहर नुसंतारा के विकास को लॉंच करने के अद्वितीय दृष्टिकोण से भी सीखेंगे। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी चर्चा में शामिल हो रहे हैं।
27 जून को भारत को एमआरओ हब बनाने पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया है, जिसमें एम.आर.ओ क्षेत्र में भारत द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों पर चर्चा करने का एजेंडा शामिल है। प्रतिनिधियों को उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेने और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करने के लिए रात्रि भोज पर संवाद की भी मेजबानी की जाएगी। प्रेसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 26 जून 2023 को ‘योग रिट्रीट’ की भी योजना बनायी है।