देहरादून, नीरज कोहली। पशुपालन,मत्स्य,दुग्ध विकास,गन्ना एवं चीनी उद्योग,मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फेडरेशन द्वारा नवनिर्मित मूल्य वर्धित यूएच०टी० दूध एवं दुग्ध पदार्थ आंचल टेट्रापैक टोन्ड मिल्क 200 मि०ली० 1000 मि०ली०, मसाला छाछ 200 मि०ली० तथा मीठी लस्सी 200 मि०ली० का आज सुभाष रोड स्थित एक होटल में शुभारम्भ किया गया, जिसमे देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा, फैडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा, निदेशक, डेरी संजय खेतवाल, प्रबन्ध निदेशक, जयदीप अरोडा, प्रदेश के संघों के अध्यक्ष, विभागीय अधिकारी, यू०सी०डी०एफ० के अधिकारी एवं दुग्ध संघों के प्रबन्धक प्रधान प्रबन्धक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रबन्ध निदेशक द्वारा अवगत कराया कि उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फेडरेशन द्वारा उच्च सैल्फ लाईफ वाले यू०एच०टी० दूध एवं दुग्ध पदार्थों का निर्माण कराया जा रहा है ताकि यात्रा मार्गों व प्रदेश के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक मांग के दृष्टिगत उक्त उत्पादों को अधिक से अधिक विपणन किया जा सके। प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 1000 मै०ट० यू०एच०टी० दूध एवं दुग्ध पदार्थों की खपत होती है. जिससे लगभग रू0 100 करोड का व्यापार प्रतिवर्ष होता है। आगामी 05 वर्षों में उक्त व्यापार का लगभग 20 प्रतिवर्ष प्रदेश के सहकारी ब्राण्ड आचल द्वारा किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित फैडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा द्वारा मंत्री का धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए उनके के दुग्ध उत्पादकों के हितों में निरन्तर लिये जा रहे निर्णयों पर आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर आँचल यू०एच०टी० दूध एवं दुग्ध पदार्थों का प्रदेश के बाहर विपणन किये जाने हेतु एक्सप्रेस रोडवेज प्रा० लि० के साथ एम०ओ०यू० किया गया। साथ ही कार्यक्रम में प्रदेश के 04 जनपदों के 08 विकय एजेन्टों को उत्कृष्ट कार्य किये जोन पर प्रमाण पत्र एवं चैक वितरित करते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंत्री द्वारा प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाये जाने के उददेश्य से कार्ययोजना तैयार कर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। विगत 1 वर्ष में प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के हितों में राज्य सरकार द्वारा अनेक लाभकारी निर्णय लिये गये ताकि प्रदेश के किसानों की आय को दोगुना किया जा सके। इसी लक्ष्य के साथ राज्य सरकार द्वारा विगत 1 वर्ष में गंगा गाय योजनान्तर्गत दुधारू पशु इकाई स्थापना के लिये सामान्य वर्ग के सदस्यों को 50 प्रतिशत एवं अनुजाति, अनुसूचित जनजाति व महिला सदस्यों को 75 प्रतिशत अनुदान, भूसे पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा साईलेज पर 75 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य किया गया, साथ ही दूध कय मूल्य की दर में रू0 7 से 10 प्रति ली० की वृद्धि की गयी। इस अवसर पर मंत्री द्वारा अवगत कराया गया। कि विगत लगभग 1 वर्ष में आंचल की ब्राण्डिंग करते हुए दूध एवं दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार किया गया जिससे वर्तमान में आंचल के दूध व दुग्ध उत्पादों की मांग में वृद्धि के साथ-साथ प्रदेश के ब्राण्ड को विशिष्ट पहचान प्राप्त हुई है। आचल की ब्राण्डिंग व मार्केटिंग को बढ़ाते हुए प्रदेश में 500 आंचल मिल्क बूथ कैफे स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि उपभोगताओं को उच्च गुणवत्तायुक्त दूध व दुग्ध पदार्थ प्राप्त हो सके।