पहले रिक्त पदों पर करें भर्ती तब बढायें सर्किल रेट: विपुल जैन

-बड़े आन्दोलन की दी चेतावनी

देहरादून: मुख्य सचिव एस.एस संधु से विकासनगर के पूर्व मंडी अध्यक्ष विपुल जैन ने माँग पत्र के माध्यम से प्रदेश में लेखपाल, पटवारी, कानूनगो व अन्य सपोर्ट स्टाफ के कई हज़ार रिक्त पदों पर अविलम्ब नियुक्ति की माँग की है। जैन ने इन सभी पदों पर भर्ती किए बग़ैर ज़मीनों के सर्किल रेट बढ़ाने को जनहित विरोधी कदम बताया हैI उन्होंने शीघ्र भर्ती नहीं किए जाने पर बड़े आन्दोलन करने की चेतावनी भी दी हैI

विपुल जैन ने मुख्य सचिव को दिए माँग पत्र में कहा है की पिछले पाँच वर्ष में निरंतर सर्किल रेट बढ़ाकर प्रदेश की जनता से आमदनी में कई सौ करोड़ का इजाफ़ा तो लिया जा रहा है लेकिन जनता से भरपूर कर वसूली के बावजूद लेखपाल, पटवारी, कानूनगो आदि स्टाफ की कमी के कारण जानता अपने भू अभिलेख ठीक करवाने को तहसीलों के चक्कर पे चक्कर लगाने को मजबूर है।

उन्होंने कहा वर्तमान में एक एक लेखपाल को कई कई सर्किल का डबल चार्ज दिया गया है ।अकेले राजधानी ज़िला देहरादून में तहसील विकासनगर ,डोइवाला,ऋषिकेश,देहरादून में एक एक लेखपाल के पास 3-3 सर्किल के चार्ज हैं जिसके अन्तर्गत 15 से 25 गाँव सम्मिलित हैं।

कहा प्रत्येक लेखपाल के पास भू अभिलेख कार्यों जैसे फरद, नपाई, कुर्रे, क़ब्ज़े को संपादित करने के साथ साथ जाति, हैसियत तस्दीक़,बैंक का हिस्साकरण,काश्तकार ड्यूज रिकवरी,अमीन कार्य ,फसल बीमा ,पीएम किसान व फार्मर डायरेक्टरी आदि आदि कार्य पहले से ही है एवं आगे अंशदान निर्धारण का कार्य दिया जाना भी राजस्व परिषद उत्तराखंड द्वारा प्रस्तावित है, जिससे पटवारी अपना भू अभिलेखों का मूल कार्य गति से संपादित नहीं कर पा रहें हैं। इस परिस्थिति में आम जनता ख़ासकर बुजुर्ग लोग के कार्य अत्यधिक विलंब से हो रहें है या कई वर्षों से लंबित हैं।

बोले जब रजिस्ट्री स्टाम्प आदि से भरपूर शुल्क के रूप में कई सौ करोड़ का जनता से लिया जा रहा है तो नई नियुक्तियों को देकर जनता को हो रही परेशानी से भी मुक्ति देनी चाहिये।

जैन ने मुख्य सचिव से पत्र द्वारा आग्रह किया है की उक्त विषय में शीर्ष लंबित पदों पर नियुक्ति देने के उपरांत ही सर्किल रेट बढ़ायें जायें । यह विभाग से भरपूर आमदनी सरकार को है फिर भी इस विभाग में स्टाफ़ की भरपूर कमी जनता के साथ धोखा है। उन्होंने नियुक्ति ना होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।