देहरादून/ऋषिकेश। पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का छठा दिन महिला उत्थान के नाम रहा। इस दिन योग एवं मुख्य सत्र के साथ पैनल परिचर्चा पर महिलाओं की भागीदारी प्रमुख रही। पैनल परिचर्चा ‘‘या देवी सर्वभूतेषु-नारी शक्ति द्वारा योग को नई ऊँचाई पर ले जाना” विषय पर आयोजित की गई। जिनमें योग साधना में अग्रणी महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस पैनल परिचर्चा में महिलाओं ने आदि समय से लेकर वर्तमान तक योग की विरासत को कैसे आगे बढ़ाया है, पर विशेषज्ञों ने उदाहरणों के साथ अपने विचार प्रस्तुत किए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग विशेषकर महिलाओं के लिए कितना आवश्यक है एवं भारत की महिलाओं द्वारा योग को विश्वव्यापी ख्याति प्राप्त कराने हेतु संघर्ष आदि परिचर्चा के मुख्य बिंदु रहे।
विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसलिए उन्हें प्रतिदिन अपने लिए कम से कम 10 से 15 मिनट निकाल कर योग करना चाहिए। प्रतिदिन योग करने से उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ेगी और दिन भर एक अनोखी ऐनर्जी का एहसास होगा। इस बैठक में ख्याति प्राप्त योग में प्रवीण महिलाएं शामिल हुई जिनमें राज्य की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर, अष्टावक्र योग में गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी डॉ. प्रिया आहूजा, राममणि स्मृति योग संस्थान की एकता एवं आध्यात्मिक गुरू एवं मार्गदर्शक बीके आरती आदि उपस्थित हुई।
एक मह्त्वपूर्ण सत्र में सेलेब्रिटी फिटनेस एवं पोषण विशेषज्ञ रूजुता दिवेकर द्वारा फिटनेस एवं आहार संबंधी विषयों पर जानकारी दी गई। उन्होंने इस दौरान बताया कि स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए संतुलित आहार का सेवन अतिआवश्यक है और यह फिटनेस के साथ स्टैमिना का संवर्धन भी करता है। उन्होंने बताया कि स्वस्थ शरीर के ये तीन मानक शारीरिक शक्ति के साथ आत्मीय शक्ति एवं शांति के प्रमुख कारक होते हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए विशेष फिटनेस एवं आहार संबंधी सुझाव दिए। दोपहर के कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की योग एवं समाजिक शास्त्र की प्रोफेसर अर्पिता नेगी ने मोटापा उपचार के लिए विशेष योग सत्र का आयोजन किया जहाँ उन्होंने मोटापा दूर करने के लिए विशेष प्रणायामों से योग साधकों को अवगत कराया। छठे दिन की शुरुआत दैनिक आधार पर चल रहे कार्यक्रम के साथ हुई जिसमें पर्यटन विभाग के सहयोगी योग संस्थानों द्वारा दो घंटे का योग सत्र, ब्रह्मकुमारी संस्थान द्वारा ध्यान सत्र, आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा नारी परीक्षण शिविर, मनोज रंगढ़ द्वारा हास्य योग का तीसरा सत्र आदि प्रमुख रहे। सायंकालीन सत्र भक्तिमय रहा जहाँ आर्ट ऑफ लिविंग के अक्षत जोशी एवं उनकी टीम द्वारा आयोजित भक्ति सत्संग ने लोगों को मनन सुख प्रदान किया। देर शाम द पांडवाज बैंड ग्रुप के नाम रहा जिसमें उन्होंने शास्त्रीय संगीत एवं रॉक के मिश्रण की मंत्रमुग्ध एवं रोमांचित कर देने वाली संगीत की प्रस्तुति दी जो विशेषकर युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही। इसके साथ ही ग्रुप द्वारा गाये गए उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि, फुलारी, टाइम मशीन सीरीज के गानों को प्रांगण में मौजूद लोगों द्वारा खूब सराहा गया।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में चार वर्षीय बैचलर ऑफ साइंस कोर्स लॉन्च किया
देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) का चार वर्षीय ऑनलाइन बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) कोर्स लॉन्च किया।प्रोग्राम का उद्देश्यभारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और एम्बेडेड उत्पादन के क्षेत्र में कौशल प्राप्त ग्रैजुएट की आवश्यकता और बढ़ती मांग पूरी करना है। इसमें कई बार प्रोग्राम से बाहर निकलने का विकल्प है और विद्यार्थी फाउंडेशन लेवेल का सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या फिर बीएस डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है जो भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन और डिजाइन का वैश्विक केंद्र बनाने में योगदान देगा। डेटा साइंस और एप्लिकेशन में बीएस डिग्री शुरू करने के बाद आईआईटी मद्रास का यह दूसरा ऑनलाइन बीएस प्रोग्राम है। पूर्व के प्रोग्राम में आज 17,000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
इस अवसर पर के संजय मूर्ति, सचिव, उच्च शिक्षा, भारत सरकार (वर्चुअली जुड़े), डॉ. पवन के गोयनका, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी मद्रास (वर्चुअली जुड़े), प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास, कार्यक्रम समन्वयक, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बीएस, आईआईटी मद्रास, उद्योग प्रमुखों और अन्य फैकल्टी के अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही। अपने उद्घाटन संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से डेटा साइंस में बीएस कोर्स के सफल संचलान के बाद इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बीएस आईआईटी मद्रास के नाम एक और उपलब्धि है। मैं (निदेशक) प्रोफेसर वी. कामकोटि के नेतृत्व में मिली इस सफलता पर आईआईटी मद्रास को बधाई देता हूं… संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने का सही दृष्टिकोण अपनाया है। एनईपी के सभी सुझावों पर अमल किया गया है चाहे वे अधिक विकल्प या रोजगार देने, उद्यमिता बढ़ाने संबंधी हो। इस संरचना से क्रेडिट फ्रेमवर्क जुड़ा है। कई बार प्रवेश और निकास का विकल्प और सबसे बढ़ कर गुणवत्ता और व्यापक पहुंच देने के साथ भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था को सस्ता बनाने का लक्ष्य बीएस इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में पूरा होता है।