देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राहुल गांधी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान कैंब्रिज यूनिवर्सिटी व अन्य आयोजनों में दिए गए भाषणों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के नेताओं द्वारा की जा रही टिप्पणियां को अत्यंत निंदनीय एवं आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं को चाहिए कि राहुल गांधी के द्वारा कही गई बातों पर गहनता से विचार कर आत्मवलोकन करें चाहिए क्योंकि राहुल द्वारा कहा गया एक एक शब्द सत्य की कसौटी पर खरा उतरता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से देश और विश्व पटल पर उनकी बढ़ती लोकप्रियता से भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता बौखलाए हुए से प्रतीत होते हैं, जिस प्रकार से देश के तमाम केंद्रीय मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री, विधायक तथा पदाधिकारी राहुल गांधी पर निम्न स्तर की टिप्पणियां कर रहे हैं उससे उनकी कुंठित मानसिकता परिलक्षित होती है।
उन्होंने कहा किद भाजपा नेता राहुल गांधी पर अनर्गल बयानबाजी कर अपने शीर्ष नेताओं को खुश करने एवं अपने चाटुकारिता के धर्म को निभाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि राहुल गांधी जी ने केवल उन्हीं बातों का जिक्र किया है जिन बातों को लेकर आज देश चिंतित है और यहां घट रही घटनाओं पर विदेशों में रह रहे भारतीयों से अपनी चर्चा के दौरान जिक्र किया जिसके दौरान उन्होंने स्पष्ट भी किया कि देश में आज अराजकता का माहौल है और देश की अर्थव्यवस्था कुछ अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों सौंप दी गई है, महंगाई यहां चरम पर है, धर्म-जाति के नाम पर लोगों में भेद किया जा रहा है और चीन से देश के नेता सवाल करने के बजाय उनके आगे नतमस्तक हैं और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करते हुए विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और सरकार से सवाल करने पर विपक्षी नेताओं, पदाधिकारियों तथा पत्रकारों पर लगातार मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। देश की संवैधानिक संस्थाओं को एक खास विचारधारा के तहत लाया जा रहा जिसका प्रभाव उनकी नीतियों एवं उनके द्वारा दिए गए एक पक्षीय फैसलों से परिलक्षित होता है।
माहरा ने कहा कि देश के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे मंत्री जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं उससे विश्व में भारत की छवि एवं उनके पद की गरिमा दूषित हो रही है, देश के कानून मंत्री के शब्दों की जितनी भर्त्सना की जाए कम है, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद बिना सच को जाने जिस प्रकार से पत्रकार वार्ता में झूठ बोलते हैं उससे उनकी घटिया सोच और उनके अल्प ज्ञान पर प्रश्न चिन्ह खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र के नेताओं को खुश करने के लिए उत्तराखंड के बड़े नेता, मंत्री, तथाकथित फर्जी बाबा भी पीछे नहीं है उन्हें भी लगता है इस प्रकार से अनर्गल बयानबाजी कर अपने दिल्ली में बैठे शीर्ष नेताओं के आगे अपने आप को बड़े चाटुकार के रूप में स्थापित करने में सफल होंगे। अजय भट्ट जो केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री हैं जो खुद समय-समय पर बेतुके बयान देकर हंसी के पात्र रहे हैं, वे मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था की नीति, धारा 370 और सीएए जैसी उपलब्धियां गिनाते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि आज देश की अर्थव्यवस्था अपने निम्न स्तर पर क्यों है और महंगाई चरम पर किन कारणों से है उन्हें यह भी बताना चाहिए कि धारा 370 खत्म करके आज देश ने क्या हासिल किया है क्या आज कश्मीर में आतंकवाद रुक गया है, क्या सेना की वापसी हो गई है, क्या कश्मीरी पंडित आज अपने राज्य कश्मीर लौट आए हैं और जिस सीएए कानून की बात कर रहे हैं उसके तहत कितने पीड़ित विदेशी लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई, जबकि हकीकत यह है कि वह कानून आज भी ठंडे बस्ते पर रखा गया है जिस पर आज मोदी सरकार बात भी नहीं करती, मेरी सलाह है अजय भट्ट अपने पद की गरिमा को समझें और इस प्रकार की अनर्गल बयानबाजी से बचें।
माहरा ने कहा कि उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी स्वयं उत्तराखंड में बेतुकी, अनर्गल बयानबाजी के लिए प्रसिद्ध है और उनके द्वारा दिए गए बयानों पर उनकी पार्टी स्वयं उनसे कोई मतलब नहीं रखती उनके अध्यक्ष कहते हैं कि गणेश जोशी द्वारा दिया गया बयान उनके व्यक्तिगत बयान है ना कि पार्टी का आधिकारिक बयान, गणेश जोशी को आत्मावलोकन करना चाहिए जिससे कि उन्हें बार-बार शर्मिंदगी ना उठानी पड़े।
उन्होंने कहा कि तथाकथित योगगुरु लाला रामदेव देश ही नहीं विश्व में कई बार अपना मजाक उड़वा चुके हैं, खुद उनके व्यापार उद्योग पर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं और आरोप लगते रहे उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद देश की विभिन्न प्रयोगशालाओं में परिक्षण में फेल होते रहे, कोरोना काल में डॉक्टरों पर की गई टिप्पणियां और महंगाई पर देश को भटकाने में उनके दावे और वादे सर्वविदित है उन्हें चाहिए कि वह अपना ध्यान केवल योग पर केंद्रित करें और देश राजनीति में अपनी दखलअंदाजी बंद करें। माहरा ने कहा कि भाजपा के तमाम नेताओं को देश की हकीकत को आत्मसात करना चाहिए, देश की गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं की गिरती साख और देश की सीमाओं पर ध्यान दें और धर्म-जाती के नाम पर वोटों की उगाही करने वाली समाज को बांटने वाली राजनीति बंद करें। सत्ता पक्ष को चाहिए कि राहुल गांधी जी पर अनर्गल बयानबाजी के बजाए विपक्ष की आवाज सुने जिससे पूर्व की भांति सबको साथ लेकर देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो और फिर विश्व पटल पर भारत का डंका बज सके।