बागेश्वर: जोशीगांव में महिला सहित तीन बच्चों की मौत का राज 14 वर्ष की अंजिल के सुसाइड नोट ने खोल दिया है। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर एक महिला के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से पड़ताल कर रही है।
लोकल पुलिस से मदद नहीं मिलने की बात पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। भूपाल राम को बीती रात एक गांव से पुलिस ले आई है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस मामले की गहन जांच में जुट गई है।
मामले में पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि जोशीगांव में गोविंद बिष्ट के मकान में किराये पर रह रहे भूपाल राम पुत्र हरीश राम, निवासी भनार, घटबगड़ की पत्नी नंदी देवी, बेटी अंकिता, बेटा कृष्णा और भावेश की संदिग्ध मौत हो गई थी। कमरे में दोनों अंदर से बंद थे। शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। बिसरा जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस को घर की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला। जिसे कक्षा आठ में पढ़ रही मृतका अंजलि ने लिखा था। आर्थिक तंगी और देनदारी से परिवार परेशान था। लोग पैसा मांगने घर आ रहे थे। उनकी मां मानसिक रूप से परेशान और दवाब में थी। पिता घर पर आ रहे पैसा मांगने आने वालों से परेशान थे।
सुसाइड नोट में लिखा है कि लोकल पुलिस ने सहयोग नहीं किया। जिसमें घर आकर पैसा मांगने वाले कुछ लोगों के नाम भी लिखे हुए हैं। पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने कहा कि सुसाइड नोट का अवलोकन करने के लिए टीम बना दी गई है। सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाने के लिए अंजलि की कॉपी भी ली गई है। जिसकी जांच राइटिंग एक्सपर्ट से कराई जाएगी।
पुलिस का सहयोग नहीं मिलने पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विवेचना कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है। लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है। विवेचना में अन्य तथ्य सामने आने अग्रिम कार्रवाई होगी।
एसपी ने कहा कि भूपाल राम को कांडा के चुचेर गांव से पुलिस लेकर आई है। उससे पूछताछ की जा रही है। रीमा निवासी नीमा देवी के विरुद्ध धारा 306 यानी आत्महत्या को प्रेरित करने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस दौरान सीओ अंकित कंडारी आदि उपस्थित रहे ।
एसपी ने बताया कि भूपाल राम ने तीन चार माह पूर्व मोबाइल भी बेच दिया था। वर्तमान में उसके पास मोबाइल भी नहीं था। उसके पास खाने के पैसे भी नहीं थे। घर में राशन भी नहीं था। वह एक मार्च से बच्चों के साथ नहीं था। वह अपने गांव की तरफ चला गया था। वह उधारी का पैसा मांग रहे लोगों से बचने की कोशिश कर रहा था। उसने पूछताछ में बताया कि कोविडकाल के बाद उसके परिवार के हालत खराब चल रही थी। उसने कई लोगों से पैसा लिया। वह उधारी में फंसता गया।
उसने रीमा निवासी नीमा देवी से चार लाख रुपये लिए। उसने महिला के पुत्र को नौकरी में लगाने का झांसा दिया था। जिसकी प्राथमिकी कोतवाली में दर्ज है। छह माह पूर्व ही नीमा से समझौता हो गया था। लेकिन वह पैसों के लिए लगातार दबाव बना रही थी। पुलिस भूपाल से पूछताछ में जुटी है।
14 वर्ष की अंजलि ने लगभग 12 पेज का सोसाइट नोट लिखा है। बड़े अक्षर होने से पेज बढ़ गए। जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मम्मी सल्फास लेकर आई है। वह आर्थिक तंगी और देनदारी से परेशान हैं। उनके परिवार वाले अच्छे हैं। उनके चाचा को उनके शव सौंप देना। इसके अलावा भी बहुत कुछ लिखा है, सभी तथ्यों की जांच की जा रही है ।