सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले सम्मानित

-दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों को पुलिस अधीक्षक यातायात ने किया सम्मानित

देहरादून। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिनमें 1.5 लाख लोगों की जान जाती है। सड़क दुर्घटना एक ऐसी घटना है जिसमें अकारण ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद हेतु वर्ष 2012 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसमें न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वे घायलों की मदद के लिए नेक व्यक्तियों को सुरक्षित रखें। इस सन्दर्भ में मार्च 2016 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और नेक व्यक्ति को परिभाषित किया गया है।
एक नेक व्यक्ति वह है, जो अच्छे विश्वास में, बिना किसी भुगतान या इनाम की उम्मीद के और बिना किसी देखभाल या विशेष संबंध के, स्वेच्छा से दुर्घटना या दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को तत्काल सहायता या आपातकालीन देखभाल चिकित्सा देने के लिए आगे आता है। निदेशालय यातायात के स्तर से पुरस्कार राशि वितरित किये जाने के हेतु धनराशि आवंटित की गयी है जिस क्रम में आज शनिवार को अक्षय कोंडे, पुलिस अधीक्षक यातायात, देहरादून ने जनपद देहरादून में विभिन्न स्थलों पर घटित सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को समय से उपचार हेतु नजदीकी हॉस्पिटल पहुँचाने के लिये पांच लोगों को 5000 रुपये प्रति व्यक्ति धनराशि वितरित की,साथ ही उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। सम्मानित लोगों में मनीष कोहली, ताजिम, सरिता,गौरव सेठी तथा विजय शामिल हैं।  
एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने आमजन से अपील है कि आपके क्षेत्रांतर्गत किसी व्यक्ति की सड़क में दुर्घटना होती है तो घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुँचाने में निस्वार्थ भाव से सहयोग प्रदान करने हेतु लोगों को आगे आना चाहिये ताकि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति को समय से उपचार मिल सके एंव स्वस्थ हो सकें। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह पुरस्कार समय-समय पर वितरित की जाती रहेगी।  साथ ही सभी आमजन से यह भी अपेक्षा की जाती है कि सड़क दुर्घटना घटित होने के यदि 01 घण्टे में घायल व्यक्ति की मदद मिल जाती है तो गम्भीर रुप से घायल व्यक्ति को भी बचाया जा सकता है। सड़क दुर्घटना में मदद करने वाले व्यक्ति को बयान हेतु कदापि नहीं बुलाया जायेगा विशेष परिस्थितियों में यदि आवश्यकता पड़ती भी है तो उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा इसलिए घायल व्यक्तियों की मदद करने हेतु हमेशा आगे बढ़कर भागेदारी करनीं चाहिए।