देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आज देश के जो हालात है खासकर लोकतंत्र की हत्या जो की जा रही, इसको लेकर एक वृहद कार्यक्रम। षड़यंत्र के तहत भारत में लोकतंत्र का गला दबाया जा रहा है, और विपक्ष के लोग जो सत्ता पक्ष के विरोध में हैं के खिलाफ षड़यंत्र लगातार रचे जा रहे हैं जो घटना कुछ दिन पूर्व सामने आई जिसमें राहुल गांधी के सदन में दिए गए वक्तव्य के बाद जो बौखलाहट भारतीय जनता पार्टी और संगठन में आयी उसका नतीजा आपके सामने है। सदन में उनके द्वारा दिए गये वक्तव्य के प्रमुख अंशांे को सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया। माहरा ने कहा कि राहुल गांधी जब लंदन प्रवास पर थे तब उन्होनें जितनी बातें वहाॅ कही चाहे लोकतंत्र पर खतरा उन्होंने बताया उन्होंने अपने वक्तव्य में बोला कि जब सदन में विपक्ष के लोग बोलते हैं तो माइक बंद कर दिए जाते हैं, और देश गिरती हुयी आर्थिक स्थिति पर प्रहार किए। जिसके विरोध भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने और मंत्रियों ने सदन में अपने कई किस्म के वकत्वय दिए।
सदन का नियमावली में कानून है कि जिसमें अगर सदन के किसी सदस्य के विरुद्ध अगर कोई बात कही जाती है तो उसे अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है सदन की कार्यवाही के कानून में यह उल्लेखित है। माहरा ने कहा कि राहुल गांधी जी लोकसभा के स्पीकर से मिलकर एवं पत्र लिखकर इस बात को कहते हैं लेकिन उनको मौका नहीं दिया जाता क्योंकि भाजपा सरकार घबराई हुई है। उन्होने कहा कि राहुल जी ने दो बातें प्रमुखता से बताई थी कि अडानी और अम्बानी के प्रधानमंत्री मोदी के साथ क्या रिश्तें हैं, अडानी के कम्पनी में 20 हजार करोड रूपये इनवेस्ट किए गये वो किसके हैं? इस बात का उत्तर सरकार नहीं दे पायी, और सदन की इस कार्रवाई के बाद एक केश 2021 शिकायतकर्ता के द्वारा दिया गया था उसको पुनर्जीवित किया गया है। और उसमें सर्वाधिक सजा मानहानि के केस में धारा 500 में दी जाती है वो सजा राहुल गांधी जी के लिए निर्धारित की गयी 2 वर्ष की सजा। क्योंकि 2 वर्ष की सजा इसलिए दी गयी कि किसी भी सांसद सदस्य की सदस्यता जा सकती है, और उसका बहाना लेते हुए स्पीकर ने 24 घण्टे के अंदर राहुल गांधी जी की सदस्यता को निरस्त करने काम किया। इस केश में 2019 घटना है चुनाव की उसका संज्ञान इलेक्शन कमीशन ने नही लिया न ही कोई नोटिस दिया। कर्नाटक की घटना का गुजरात में केस दर्ज किया गया।
माहरा ने कहा कि आज राहुल जी आवास छीनने वाले लोग वही लोग हैं जिन्होंने भारत जोडों यात्रा का विरोध किया जिनके नेता सावरकर ने 60 रुपये की पेशन के लिए अंग्रेजों की जी हुजूरी की और उस परिवार के व्यक्तियों पर दोषारोपण किया जा रहा है जो उस समय जब इनके नेता 60 रुपये पेंशन के लिए जी हजूरी कर रहे थे तब 30 हजार रूपये सालाना टैक्स भर रहे थे नेहरू जी, पिता मोतीलाल नेहरू जिनकी बेटी इंदिरा गांधी ने 19 नवम्बर 1969 को अपनी पूरी पैतिृक संपत्ति जो उनको दी गयी थी उसको भारत सरकार के अधीन करने का काम किया। माहरा ने कहा कि आज जो लोग राहुल गांधी के घर को खाली करने से प्रसन्न हैं जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं वो गढवाल की बेटी अंकिता भण्डारी की मृत्यु पर वीआईपी के नाम पर मौन बैठे हुए हैं, भाजपा की महिला नेत्री आश्चर्यजनक रूप से गायब थी। राम के नाम पर राजनीति करने वाले लोग आदि शंकराचार्य जी को नही बचा पा रहे हैं, जोशीमठ की घटना इस बात का उदाहरण है। माहरा ने कहा कि जौलीग्रांट का नाम आदिगुरू शंकराचार्य के नाम पर रखने का प्रस्ताव कांग्रेस सरकार ने किया, जिसका भारतीय जनता पार्टी द्वारा विरोध करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटन बिहारी वाजपेयी के नाम पर एयरपोर्ट का नामकरण किया जा रहा है, हमारा अटल जी के नाम से कोई विरोध नहीं है परन्तु जब पूर्व में ही आदिगुरू शंकराचार्य जी का नाम प्रस्तावित किया जा चुका था तो अब भारतीय जनता पार्टी को शंकराचार्य जी के नाम से क्यों विरोध है।
माहरा ने आरोप लगाते हुए कि केन्द्र की सरकार अपने चहेतों के बैंक ऋणों को बट्टे खाते में डालकर बैंकों का नुकसान कर रही है देश की गरीब जनता द्वारा बैंकों में पैसा जमा किया जाता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बडे बडे अपने प्रिय पूंजीपतियों को बैंकों का ऋण आंवटित कराकर देश के खजाने को लूटने का काम किया है और आज उस ऋण को बटटे खाते में डालकर देश की गरीब जनता की मेहनत का पैसा खुलेआम लुटाया जा रहा है। माहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बट्टे खाते में डाले गये खातेदारों में से 27 ऋणधारक गुजरात राज्य से हैं। माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार देश की गरीब जनता का धन लूटने वालों को संरक्षण देने का काम कर रही है।