देहरादून। भारतीय जैन मिलन की क्षेत्र सं0 14 का 25वीं क्षेत्रीय अधिवेशन गांधी रोड स्थित जैन धर्मशाला में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सहारनपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, देवबन्द, नकुड इत्यादि से पधारे 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने आकर जैन मिलन आंदोलन को गतिशील तथा प्रभावी बनाने एवं समाज के सम्मुख विद्यगान समस्याओं पर गंगीर विचार-विमर्श व चिन्तन किया। तोरण द्वारों से सजी देहरादून नगरी ऐसी लग रही थी मानो पूरा जैन समाज एक सूत्र में बंधकर आज यहाँ एकत्र हो। अधिवेशन का शुभारम्भ क्षेत्रीय अध्यक्ष वीर अनिनाश जैन द्वारा रामाज के विभिन्न आमनाओं द्वारा मान्य पंचरंगी ध्वज फहराकर किया गया। जैन ध्वज के सम्मान में मनभावन झण्डागान प्रस्तुत किया।
क्षेत्रीय महामंत्री वीर डॉ. संजय जैन द्वारा संचालन किया तथा अतिथियों पदाधिकारियों को मंचासीन कराया। राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर विजय जैन ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आगन्तुकों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि मैं आपका स्वागत करते हुए अन्तरंग से अभिभूत हूँ। गर्व से कहो हम जैन हैं विषय पर शाखाओं द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा करता हूँ। आवश्यकता है शासन-प्रशासन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की।
क्षेत्रीय मंत्री वीर डॉ० संजय जैन ने शाखाओं द्वारा किये गये वर्षभर के कार्यों एवं उपलब्धियों का लेखा-जोखा रिपोर्ट प्रस्तुत की। सेवा धार्मिक शैक्षिक एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों से जैन समाज में ही नहीं अपितु अन्य जैनत्तर समाज में अपनी पहचान बनाने वालों को पुरूस्कृत किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष वीर नरेश चन्द जैन ने कहा किं जैन धर्म अनादि अनन्त है, इसका एक समृद्धिशाली इतिहास रहा है। प्रत्येक काल में कोई न कोई शासक जैन सम्राट रहा है. कई लोग नहीं जानते कि चन्द्रगुप्त मौर्य, राजा खारबेल, राजा चामुंड राय, दानवीर भामाशाह जैन थे। हमें अपने महापुरूषों को याद रखना होगा। विशिष्ट संरक्षक वीर सुरेश जैन रितुराज ने भगवान महावीर के 2550वें वर्ष में एवं भगवान महावीर के उपदेशों सिद्धातों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक तीर्थंकर महावीर जन जागरण रथ पूरे देश में चलाने हेतु सदन में संकल्प दिलाया।