देहरादून। युवा उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा क्रिकेट एसोशिएशन ऑफ उत्तराखंड में महिला खिलाडियों के साथ हो रहे उत्पीड़न और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। बिष्ट ने कहा कि पहाड़ से महिला खिलाड़ी देहरादून आती हैं, ताकि उन्हे सुविधाएं मिल सकें, उनकी खेल प्रतिभा निखर सके, लेकिन यहाँ पर क्रिकेट अकादमी के संचालक द्वारा महिला खिलाडियों के साथ मानसिक और शरीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है, ऐसे में कैसे कोई अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को क्रिकेट के क्षेत्र में बना सकता है।
युवा उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि पिछले दिनों लिटिल मास्टर अकादमी के मालिक तथा क्रिकेट एसोशिएशन ऑफ उत्तराखंड में सीनियर कोच तथा चमोली क्रिकेट संघ के सचिव नरेंद्र शाह का नाबालिक महिला खिलाडियों के साथ ऑडियो वाइरल हुआ, जिसमे वह महिला खिलाडियों के साथ आपतिजनक बातें कर रहा है, साथ ही परिवार के सदस्यों को बताने पर धमकी दे रहा है, साथ में छोटी बच्चियों को गाली भी दे रहा है, इसके साथ ही अन्य दो अभिभावकांे ने भी कोच नरेंद्र शाह पर आरोप लगाए कि उनके बच्चों के साथ भी वह मानसिक एवं शरीरिक उत्पीड़न करता था, इस प्रकार की घटना इंगित करती है कि जिस गुरु को बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी हो, वह किस प्रकार से गुरु और शिष्य के रिश्ते को शर्मसार कर रहा है, साथ ही महिला खिलाडियों ने आरोप लगाए कि कोच नरेंद्र शाह उन्हें सचिव महिम वर्मा और एक अन्य सदस्य के साथ जाने के लिए दबाव डालता था ताकि वह क्रिकेट में महिला खिलाडियों का भविष्य सँवार सकें।
महिम वर्मा वही आरोपी है जिस पर पूर्व में भी उत्तराखंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी आर्य सेठी के साथ मारपीट तथा रंगदारी का मुकदमा चल रहा है, इसके साथ ही उन पर कई और आरोप भी है, तथा पूर्व में महिम वर्मा को पकड़ने के लिए पूर्व एसएसपी जन्मेजय खूंडडी ने स्पेशल अपरेशन ग्रुप बनाया ताकि फरार महिम वर्मा को पकड़ सके, साथ ही महिम वर्मा पर छेड़छाड़ का आरोप है जिसमे स्पष्ट है कि कोई सदस्य तीन बार से अधिक ऑफिस का धारक नहीं हो सकता लेकिन वह अभी भी इस पोस्ट पर काबिज है, जो प्रश्न चिन्ह खड़े करता है कि एक ओर शाह को तत्काल निलंबित किया गया, जबकि सचिव महिम वर्मा जो कि पहले से आरोपी है मुकदमा हाई कोर्ट में है, तथा अन्य महिला खिलाडियों ने भी उस पर शरीरिक उत्पीड़न के आरोप लगाए है, साथ ही एफ आई आर में साफ है कि नरेंद्र शाह महिला खिलाडियों को महिम वर्मा और एक अन्य सदस्य के साथ जाने का दबाव बनाता था। साथ ही जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली देता था, कई बार क्रिकेट कॅरिअर को बर्बाद करने की धमकी भी देता था, इससे साफ जाहिर होता है कि आरोपी महिम वर्मा को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, वही एक सप्ताह से अधिक होने के बाद भी अभी तक आरोपी नरेंद्र शाह के बयान नहीं लिए गए। पुलिस प्रशासन का उदासीन रवैया भी कई प्रश्न खड़े करता है।
घटना के सामने आने पर युवा उक्रांद ने जब इस विषय पर आरोपियों को पकड़ने के लिए सीएयू के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला से बात की तो उन्होंने पल्ला झाड़ने की कोशिश की तथा अपनी विवशता व्यक्त की। जहाँ एक ओर बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं, वही सीएयू के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला भी कांग्रेस के पूर्व मसूरी विधायक हैं, ऐसे में विपक्ष का मौन साफ जाहिर करता है, इन्ही के सरंक्षण में राज्य की बेटियों का शरीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है। एफआईआर में साफ तौर पर महिम वर्मा तथा एक अन्य का नाम साफ तौर पर है, उनके खिलाफ भी पोक्सो एक्ट में गिरफ्तारी की जाए, साथ ही सीएयू में हो रहे वित्तीय अनीयमिताओं में बिना कोषाध्यक्ष इजाजत के 4.5 करोड़ गबन किये है, और क्रिकेट में इन्होंने अभी तक पहाड़ के जिलों के लिए कितने क्रिकेट मैदान बनाए इसकी विजिलेंस जांच की जाए, इस मामले में पुलिस प्रशासन का रवैया भी उदासीन रहा है क्योकि, डॉक्टर द्वारा नरेंद्र शाह को स्वस्थ बताए जाने के बाद भी अभी तक बयान नहीं लिए गए, यह दिखाता है कि उच्च पदों पर बैठे लोगो को बचाने के लिए यह सब किया जा रहा है। प्रेस वार्ता में युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवाण, केंद्रीय प्रवक्ता रविंद्र ममगाईं, केंद्रीय संगठन सचिव युवा प्रकोष्ठ प्रीति थपलियाल, पंकज उनियाल, दीपक रावत, बलवीर चैहान, मनीष रावत, उतरा पंत बहुगुणा, आशीष नेगी, मधु सेमवाल आदि उपस्थित रहे।