देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार की ओर से ग्लोबल मैकेंजी कंपनी के सुझावों पर काम करने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ठीक वैसा ही है, जैसा लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे की जमीनों को बेचकर भारतीय रेलवे को मुनाफे में ला दिया था। बाद रेलवे को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़े थे। उन्होंने कहा कि यह फार्मूला राज्यहित में नहीं है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए पूर्व सीएम रावत ने कहा कि कंपनी के सुझाव में सरकार हल्द्वानी में हाईकोर्ट बनाने की बात कह रही है।. ऐसा होने से हल्द्वानी पूरी तरह से चोक हो जाएगा। हल्द्वानी के चोक होने का मतलब है,पूरा कुमाऊं अंचल चोक हो जाएगा। देहरादून में भी सरकारी कार्यालयों की संपत्तियों को बेचकर रायपुर में नया कांप्लेक्स बनाने की बात हो रही है।
रायपुर मतलब देहरादून यहां के रायपुर की तुलना छत्तीसगढ़ के नए रायपुर से नहीं कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ में नया रायपुर हजारों एकड़ भूमि में बन रहा है और हम एक मुट्ठी भर भूमि में रायपुर में सारे सरकारी कार्यालयों, सचिवालय, विधानसभा आदि को सीमित कर देना चाहते हैं, ताकि देहरादून के आवागमन का सारा रास्ता चोक हो जाए और देहरादून पहले से भी ज्यादा समस्या ग्रस्त हो जाए।
पूर्व सीएम ने कहा कि कल तक भू-कानून का शोर पूरे राज्य में था, अब फिर से जनता और सरकार सो गई है। सरकार शायद तब नया भू-कानून लेकर आएगी, जब गांव-गांव की जमीन बिक जाएगी। सरकार को अच्छा लग रहा है, जमीनें बिक रही हैं। प्रति व्यक्ति औसत आमदनी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा से इसके लिए आवाज उठ रही है। इस आवाज को पूरे राज्य से उठनी चाहिए।