देहरादून। भाजपा ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी के समक्ष 1.25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए एकसमान कानून व अधिकारों के पक्ष में अपना मत प्रस्तुत किया है द्य पार्टी ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं को विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार एवं राज्य का देवभूमि स्वरूप बनाए रखने के पक्ष में हैं द्य
पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ. देवेन्द्र भसीन के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधियों ने उच्चाधिकार समिति के समक्ष स्पष्ट किया कि भाजपा समान नागरिक संहिता के पक्ष में है, जो यह संविधान सम्मत है और मा. उच्चतम न्यायालय ने भी इस बारे में निर्देशित किया है । चूँकि नागरिक देश व समाज का प्रथम आधार है, इसलिए उनके अधिकारों का निर्धारण महत्वपूर्ण बिंदु है । ये अधिकार देश की एकता, अखंडता की रक्षा के मूल भूत सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए।
पार्टी का मानना है कि नागरिकों के अधिकार तय करते समय देश व प्रदेश की संस्कृति और विरासत को भी ध्यान में रखना चाहिए द्य ताकि भारत व उत्तराखंड की मूल पहचान पर इनका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। समान नागरिक संहिता का महत्वपूर्ण विषय समानता का होना अपेक्षित है जो समाज के हर वर्ग में समानता का भाव पैदा करे और इस आशय का संदेश न जाये कि कि कोई वर्ग विशेष या समुदाय विशेष, अलग से विशेष अधिकार रखता है।
पार्टी सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप मे मानती है कि महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होने चाहिए और किसी भी वर्ग में महिलायें उपेक्षित या दोयम दर्जे की दिखाई नहीं देनी चाहिए। उन्हें सम्पत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायका परिवार में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए । इसी तरह तलाक की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं वही अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए। विवाह, तलाक या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परम्परा के नाम चल रही कुरीतियाँ दूर की जानी चाहिए। पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए प्रत्येक विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए द्य साथ ही पंजीकरण न कराने वालों के ख़िलाफ कार्यवाही की जाए।
पार्टी धर्म के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ है लिहाजा सभी धर्मों के अनुयायियों के अधिकार समान हों जिससे समाज में परस्पर सम्मान व सौहार्द का वातावरण बना रहे। किसी धर्म के अनुयायियों को ऐसा कोई कार्य करने का अधिकार नहीं होना चाहिए जो अन्य धर्म के लोगों के लिए परेशानी पैदा करे और समाज में तनाव का कारण बने।
पार्टी की तरफ से स्पष्ट किया गया कि अवैध धर्मांतरण पूर्णत्या रोक जरूरी है यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तित करना चाहे तो उसकी निर्धारित प्रक्रिया में प्रशासन सुनिश्चित करें कि धर्म परिवर्तन, दबाव, लालच या धमकी आदि से तो नहीं हो रहा है द्य पूर्ण संतुष्टि के उपरांत ही उसकी अनुमति दी जाये। धार्मिक स्थलों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए । यदि कोई समूह या व्यक्ति धार्मिक स्थल बनाना चाहता है तो एक निर्धारित प्रक्रिया व औचित्य के आधार पर सक्षम अधिकारी से अनुमति व भवन निर्माण के नियमों के अनुपालन के बाद ही निर्माण हो । भाजपा ने स्पष्ट किया, वह समलैंगिक विवाह और लिविंग रिलेशनशिप सम्बन्धों को कानूनी मान्यता देने के खिलाफ है।