देहरादून, नीरज कोहली। भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दालों समेत खरीफ की फसलों की एमएसपी में की गई बढ़ोत्तरी को किसान के हित मे शानदार निर्णय बताया है। सरकार के प्रयासों से ही 20-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुशार देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में बीते 5 वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक वृद्धि होने जा रही है। प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र पुंडीर ने 9 सालों में कृषि क्षेत्र में किये केंद्र व राज्य सरकार के कार्यों और विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, किसान हितैषी श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने मूंग, अरहर, धान, मक्का और उड़द की दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। इस कदम के बाद किसान अपनी फसल बढ़ी हुई कीमतों पर बेच सकेंगे। बीते 9 वर्षों में पीएम मोदी ने किसान भाई-बहनों के हित में कई अहम फैसले लिए गए है। उन्होंने कहा, इसी कड़ी में सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इससे अन्नदाताओं को उपज का लाभकारी मूल्य मिलने के साथ ही फसलों में विविधता लाने के प्रयासों को भी बल मिलेगा।
श्री पुंडीर ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार ने तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जबकि धान, मक्के और मूंगफली की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस कदम से बड़े स्तरों पर किसानों को लाभ होगा और नई फसल के लिए अच्छे दाम मिल पाएंगे, जो खेती की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए किसानों की हित में लिया गया है। सरकार ने मूंग दाल का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत बढ़ाया है। वहीं धान का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 143 रुपए बढ़ाकर 2, 183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है।
सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 143 रुपए बढ़ाकर 2, 040 रुपए से 2,183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। ए ग्रेड के धान का एमएसपी 163 रुपए बढ़ाकर 2, 203 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। मूंग का एमएसपी अब 8, 558 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। यह पिछले साल 7, 755 रुपए प्रति क्विंटल था। ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी 210 रुपए, बाजरा का 150 रुपए, रागी का 268 रुपए, मक्का का 128 रुपए, अरहर का 400 रुपए, मूग का 803 रुपए, उड़द का 350 रुपए, मूंगफली का 527 रुपए, सूरजमुखी बीज का 360 रुपए, सोयाबीन पीला का 300 रुपए और सनफ्लावर सीड का एमएसपी 360 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है।
उन्होंने बताया, वर्ष 2023-24 के दौरान खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि किसानों को उचित पारिश्रमिक मूल्य उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा के अनुरूप है। बाजरा के बाद तुअर, सोयाबीन और उड़द के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ सबसे अधिक होने का अनुमान है। शेष अन्य फसलों के लिए किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी मार्जिन प्राप्त होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त हाल के वर्षों में, सरकार लगातार इन फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश करके दलहनों, तिलहनों और अन्य पोषक धान्यध्श्री अन्न जैसे अनाजों के अलावा कई फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। साथ ही सरकार ने किसानों को उनकी फसलों में विविधता लाने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी विभिन्न योजनाएं एवं गतिविधियां भी शुरू की हैं। देश में 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में 14़.9 मिलियन टन अधिक है। यह बीते 5 वर्षों में होने वाली सबसे अधिक वृद्धि को दर्शाता है। श्री पुंडीर ने इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार की किसानों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया, सेब उत्पादन बढ़ाने के लिए एवं पहाडों में प्लायन कम करने के लिए एप्पल मिशन के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर बाग लगाये जा रहे हैं।