हरिद्वार, नीरज कोहली। सुशील कुमार आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में शनिवार को मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में कांवड़ मेला-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में अन्तर्राज्यीय अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार अजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कांवड़ मेले का इतिहास, उसका बदलता स्वरूप- जिसमें पहले अधिकतर श्रद्धालु पैदल ही मां गंगा का पवित्र जल लेने पहुंचते थे, लेकिन इधर के वर्षों में यह देखने में आ रहा है कि 70 प्रतिशत उसका स्थान डाक कावड़ियों ने ले लिया है। उन्होंने कांवड़ मेले के दौरान, उसके पूर्व तथा बाद के स्नान पर्वों का उल्लेख करते हुये बताया कि प्रमुख रूप से कांवड़ मेला आगामी 04 से 15 जुलाई,2023 तक है। दिनांक 03 जुलाई को पूर्णिमा है, 06 से 10 जुलाई तक पंचक रहेंगे, 12 से 15 तक प्रमुख रूप से डाक कावड़िये चलेंगे तथा 17 जुलाई को सोमवती अमास्या है। इसी को मद्देनजर रखते कांवड़ मेले की तैयारियां की जा रही है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक कांवड़िये हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली व राजस्थान क्षेत्र से आते हैं।
बैठक में कांवड़ यात्रा के दौरान पूर्व में हुई घटनाओं का भी जिक्र हुआ, जिसमें बताया गया कि कुछ डाक कावंड़िये बिना साइलेंसर लगे हुये वाहनों का प्रयोग करते हैं, जिसकी वजह से विगत वर्ष दुपहिया वाहन में आग लगने की घटना हुई थी, जिसके मद्देनजर इस वर्ष पार्किंग स्थलों में अग्नि सुरक्षा के उपकरणों की भी व्यवस्था की जायेगी। इस पर आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे वाहनों को हतोत्साहित किया जाये तथा गांवांे में जो कांवड़ कमेटियां गठित की गयी हैं, उनके तथा अन्य माध्यमों से ऐसे लोगों का जागरूक किया जाये। इसके अलावा क्राउड मैंनेजमेंट, लव जिहाद, लैण्ड जिहाद, कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबे, दुकान आदि पर बिकने वाली सामग्री, उनके रेट निर्धारित करना आदि पर भी चर्चा हुई। इस पर गढ़वाल मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि प्रत्येक ढाबे, दुकान आदि की नियमित चेकिंग की जाये तथा प्रत्येक दुकान, ढाबे में रेट लिस्ट अवश्य लगवाई जाये।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने कहा कि सहारनपुर व मुजफ्फरनगर से कांवड़ियों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। इस पर उन्होंने एक-एक करके सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, यमुना नगर, करनाल, बिजनौर के अधिकारियों से उनके द्वारा कांवड़ मेले के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ मेले की दृष्टि से हमने सभी तरह की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं तथा अधिकारियों ने कहा कि हमारा हर स्तर पर पूरा सहयोग प्राप्त होगा। सुशील कुमार ने बैठक में अधिकारियों से नीलकण्ठ महादेव की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 62 लाख श्रद्धालुओं ने नीलकण्ठ महादेव के दर्शन किये थे तथा यहां मुख्य चुनौती क्राउड मैनेजमेंट की है। अधिकारियों ने बैठक में मेले की दृष्टि से की जा रही पार्किंग व्यवस्था, पैदल आने-जाने वालों के लिये व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में हिलबाई पास रोड को खोले जाने का प्रकरण भी सामने आया। इस पर राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिये एनओसी जल्दी ही जारी कर दी जायेगी।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने बैठक में कहा कि इधर चार-पांच वर्षों में कांवड़ मेले का स्वरूप काफी बदल गया है। डाक कावंड यात्रा पर अब ज्यादा जोर है। उन्होंने कहा कि कांवड़िये तेज आवाज में डीजे न चलायें, कांवड़ 12 फीट से ऊंची न हो आदि सूचनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो। जो भी आवश्यक सूचनायें हैं, उन्हें बनाये गये ह्वाट्स अप गु्रप में शेयर करें। जहां पर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है, वहां पर भी सीसी टीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करंें ताकि इनकी भी मॉनिटरिंग हो सके। सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये, स्लोगन, हेट स्पीच, ह्यूमर आदि को जहां तक हो सके पूरा हतोत्साहित करें तथा सभी को सतर्क होकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के योगदान से कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न होगा।