-कई अवाशीय भवनों पर पड़ी दरारें
-आरबीएनएल की कार्यप्रणाली से आक्रोश
रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले मे रेल परियोजना प्रभवित नरकोटा गाँव के ग्रामीण हर रोज दहशत मे जी रहे है। रेल परियोजना मे टनल निर्माण से कई आवासीय भवनो पर दरारें पड़ गयी है और पीड़ित परिवारों की सुनने वाला कोई नही। आरबीएनएल की कार्यप्रणाली को लेकर लोगो मे भारी आक्रोश पैदा होता जा रहा है। आक्रोशित ग्रमीणों ने आज परियोजना का कार्य रोक दिया है।
ग्रामीणों ने कहा की रेल परियोजना विकाश के लिए जरूरी है, इस बात पर कोई संदेह नही, पर क्या इस परियोजना के निर्माण से गाँव तबाह हो और ग्रामीणो की जिंदगी भर की कमाई एक एक पाई से बने उनके आशियाने ध्वस्त हो जाए क्या इतनी बली ग्रामीणों को देनी पड़े, यह सरासर अन्याय है और इसका विरोध करना या एक खिलाफ आंदोलन करना अब मजबूरी है। कहा समझ से परे तो यह भी है की आरबीएनएल आखिर क्यों अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। यह सब जिम्मेदारी आरबीएनएल की है की प्रभवित गाँव के ग्रामीणों को परियोजना निर्माण से को नुकसान ना पहुँचे। साथ ही निर्माण इस तरह से किया जाय की ग्रामीणों की हितो के खिलाफ ना हो, फिर भी सरकार की नीतियों और परियोजना निर्माण के मानको की अनदेखी क्यो की जा रही है।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी की अगर उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड हुआ तो किसी भी कीमत पर कार्य नही होने दिया जायेगा। इस मौके पर प्रधान चंद्र मोहन, वार्ड सदस्य विनोद भट्ट, सुनील जोशी, भागवती प्रसाद, कमलेश भट्ट, मुकेश भट्ट, कमल किशोर जोशी, रघुन्दन भट, प्रहलाद भट्ट सहित भारी संख्या मे महिला एवं पुरुष मौजूद थे।
-कई अवाशीय भवनों पर पड़ी दरारें
-आरबीएनएल की कार्यप्रणाली से आक्रोश
रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले मे रेल परियोजना प्रभवित नरकोटा गाँव के ग्रामीण हर रोज दहशत मे जी रहे है। रेल परियोजना मे टनल निर्माण से कई आवासीय भवनो पर दरारें पड़ गयी है और पीड़ित परिवारों की सुनने वाला कोई नही। आरबीएनएल की कार्यप्रणाली को लेकर लोगो मे भारी आक्रोश पैदा होता जा रहा है। आक्रोशित ग्रमीणों ने आज परियोजना का कार्य रोक दिया है।
ग्रामीणों ने कहा की रेल परियोजना विकाश के लिए जरूरी है, इस बात पर कोई संदेह नही, पर क्या इस परियोजना के निर्माण से गाँव तबाह हो और ग्रामीणो की जिंदगी भर की कमाई एक एक पाई से बने उनके आशियाने ध्वस्त हो जाए क्या इतनी बली ग्रामीणों को देनी पड़े, यह सरासर अन्याय है और इसका विरोध करना या एक खिलाफ आंदोलन करना अब मजबूरी है। कहा समझ से परे तो यह भी है की आरबीएनएल आखिर क्यों अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। यह सब जिम्मेदारी आरबीएनएल की है की प्रभवित गाँव के ग्रामीणों को परियोजना निर्माण से को नुकसान ना पहुँचे। साथ ही निर्माण इस तरह से किया जाय की ग्रामीणों की हितो के खिलाफ ना हो, फिर भी सरकार की नीतियों और परियोजना निर्माण के मानको की अनदेखी क्यो की जा रही है।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी की अगर उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड हुआ तो किसी भी कीमत पर कार्य नही होने दिया जायेगा। इस मौके पर प्रधान चंद्र मोहन, वार्ड सदस्य विनोद भट्ट, सुनील जोशी, भागवती प्रसाद, कमलेश भट्ट, मुकेश भट्ट, कमल किशोर जोशी, रघुन्दन भट, प्रहलाद भट्ट सहित भारी संख्या मे महिला एवं पुरुष मौजूद थे।