दून पुलिस के बिछाये जाल में फंसा सपेरों का अन्तर्राज्जीय चिमटी गैंग, तीन गिरफ्तार

देहरादून, नीरज कोहली। सपेरों का अन्तर्राज्जीय चिमटी गैंग दून पुलिस के बिछाये जाल में फंस गया। चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम देने आये गैंग के 3 सदस्यों को रायपुर पुलिस व एसओजी ने गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जनपद हरिद्वार सहित 04 बडी चोरियों का किया खुलासा, अभियुक्तांे के कब्जे से चोरी किये गये 12,00000 रूपये की कीमत के सोने के आभूषण बरामद हुए। घटना में प्रयुक्त 02 मोटर साइकिल को सीज किया गया है। गैंग के सदस्यों पर 12 चोरियों के मुकदमे दर्ज हैं।
15 मई को विजय कुमार पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम सोड़ा सरोली थाना रायपुर देहरादून ने हाजिर थाना आकर प्रार्थना पत्र दिया कि शिकायतकर्ता 13 मई को अपने परिवार सहित अपने ससुराल रानीपोखरी गया था व 14 मई को वापस आने पर देखा कि किसी अज्ञात चोरों द्वारा शिकायतकर्ता के घर का दरवाजा तोडकर कमरे में रखी आलमारी का लाकर तोडकर आलमारी में रखी नगदी व ज्वैलरी चोरी कर ली है। वादी की तहरीर के आधार पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना उ0नि0 राजीव धारीवाल चैकी प्रभारी मालदेवता के सुपुर्द की गयी। 22 जून को देवकी देवी पत्नी प्रकाश चन्द्र जोशी निवासी माउन्ट ब्यू कालोनी नत्थुवाला ढांग देहरादून ने हाजिर थाना आकर प्रार्थना पत्र दिया कि मैं 20 जून को अपनी बेटी के घर मियांवाला गयी थी व 21 जून को अपने घर वापस आयी तो देखा कि अज्ञात लोगों के द्वारा मेरे घर से नगद धनराशि व सोने के आभूषण चोरी कर ली है। वादिनी की तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना उ0नि0 राकेश पुण्डीर चैकी प्रभारी बालावाला के सुपुर्द की गयी। पुलिस उप महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा अभियोगों के अनावरण हेतु निर्देश जारी किये गये, जिसके अनुपालन मे पुलिस अधीक्षक अपराध व पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन एवं क्षेत्राधिकारी रायपुर देहरादून के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष रायपुर द्वारा स्वयं के नेतृत्व में चार अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गयी। पुलिस टीम द्वारा की गयी कार्यवाही गठित टीमो में से प्रथम टीम द्वारा चोरी के अपराधों में पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तांे का सत्यापन कर उनकी जानकारी एकत्रित की गयी। द्धितीय टीम द्वारा जनपद में चोरी, लूट, नकबजनी के अपराधों में घटना से पूर्व सुद्धोवाला जेल से जमानत व सजा से रिहा हुए अपराधियों व साक्ष्य में न्यायालय उपस्थित हुए अपराधियों की जानकारी की गयी। तृतीय टीम द्वारा घटना से पूर्व व घटना के पश्चात विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटैज अवलोकन व साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। चैथी टीम द्वारा एसओजी की टीम के साथ मिलकर अभियुक्त गणों के सम्बन्ध में सर्विलासं के माध्यम से साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। गठित पुलिस टीम द्वारा घटना के आस-पास कुल 95 सीसीटीवी फुटैज लगभग 05 किलो मीटर के रेडियस में चैक किये गये, घटनास्थल के पास एक सीसीटीवी कैमरे में 04 व्यक्तियों के घर के अन्दर आने व घटना के बाद जाने की फुटैज मिले। इसके अतिरिक्त 02 पुलिस टीम में से एक टीम हरिद्वार व एक टीम सहारनपुर रवाना की गयी। पुलिस टीम द्वारा किये गये प्रयासो से पुलिस टीम को अहम जानकारी प्राप्त हुयी कि पांच माह पूर्व एक सपेरा गैंग सुद्धोवाला जेल से जमानत पर रिहा हुआ है। जिनके द्वारा पूर्व में बन्द घरों में इसी प्रकार चोरी की घटनाओ को अंजाम दिया गया था। उक्त गैंग के सदस्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर उनका घटनाओ के समय देहरादून में होना ज्ञात हुआ जिस पर पुलिस टीम द्वारा मैनुअली कार्य करते हुए उक्त गैंग के सभी सदस्यों के सम्बन्ध में गोपनीय रुप से जानकारिया एकत्रित की गयी तो पुलिस को सूचना मिली कि उक्त गैंग जल्दी ही देहरादून में दोबारा घटना को अंजाम देने की फिराक में है जिस पर गैंग को गिरफ्तार करने हेतु रायपुर थाना क्षेत्र में रात्रि में लगातार तीन पुलिस टीमें रायपुर में प्रवेश करने वाले बार्डर बालावाला, थानो व महाराणा प्रताप चैक पर टीमें नियुक्त कर सतर्क दृष्टि रखी गयी व एक टीम गैंग की गतिविधियों पर नजर बनाये रखने हेतु हरिद्वार में नियुक्त की गयी । 9 जुलाई की रात्रि को उक्त गैंग द्वारा घटना को पुन अंजाम देने हेतु पथरी हरिद्वार से चलकर भानियावाला जौलीग्रान्ट से होते हुए थानो के रास्ते जैसे ही सौडा सरोली रायपुर पहुंचे पूर्व में ही गठित पुलिस टीम द्वारा गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ करने पर उनके द्वारा 13 मई को सौडा सरोली व 21 जून को बालावाला में चोरी की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया गया जिनके निशानदेही पर सपेरा बस्ती घोसीपुरा थाना पथरी हरिद्वार से 12,00000 रूपये कीमत के सोने के आभूषण, घटना करने हेतु प्रयुक्त पेचकस, सरिया व टार्च बरामद किये गये तथा घटना में प्रयुक्त दोनों मोटर साईकिल को सीज किया गया। अभियुक्तों को न्यायालय पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।