हरिद्वार, नीरज कोहली। पूर्व शिक्षा मंत्री सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करने के बाद आज सीसीआर कंट्रोल रूम में प्रशासन के अधिकारियों के साथ में बैठक की और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही साथ उन्होंने राहत सामग्री के वितरण और राहत कार्यों का जायजा भी लिया । बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अधिकारियों से सख्त लहजे में निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी तरह से एक भी आम आदमी को परेशानी नहीं होनी चाहिए , इस आपदा की स्थिति में किसी भी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । सांसद रमेश पोखरियाल निशंक लगातार पिछले कई दिनों से हरिद्वार के तमाम बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं इसी कड़ी में वो आज चार बजे सीसीआर कंट्रोल रूम पहुंचे जहां सांसद निशंक ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सांसद डॉ निशंक ने बैठक में जनपद के सभी बाधित मार्गों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए तत्काल क्षतिग्रस्त मार्गों को बहाल किये जाने हेतुअधिकारीयों को निर्देशित किया, इस दौरान डॉ निशंक ने पत्रकारों को बताया कि राहत कार्यों के लिए लो०नि०वि० की तीनों डिविजन को 80.00 लाख की धनराशि का भुगतान किया गया है जिससे की राहत कार्यों में कोई समस्या न आने पाए । साथ ही साथ अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विभाग को कुल 40.00 लाख की धनराशि अग्रिम उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने बताया जनपद हरिद्वार को कुल राज्य आपदा मोचन निधि द्वारा कुल 30 करोड़ तथा आपदा न्यूनीकरण मद के अन्तर्गत कुल 1 करोड, पेयजल योजनाओं की तात्कालिक मरम्मतध् पुनर्निर्माण हेतु 4 इस प्रकार जनपद को कुल 35 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। साथ ही साथ राज्य आपदा मोचन निधि से जनहानि और पशुहानि के लिए अब तक 20.36 लाख की धनराशि भी वितरित की गई है।
बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अखिकारियों से बाढ़ प्रभावित व जलभराव वाले क्षेत्रों में संक्रमित बीमारियो से बचाव हेतु पर्याप्त मात्रा में स्टॉफ तैनात किये जाने व मेडिकल किट, दवाईयो आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था तथा पशु चिकित्साधिकारी, हरिद्वार को पशुओं के लिए चारे की समुचित व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया । इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत हरिद्वार को साफ-सफाई, जल निकासी उपरान्त कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव आदि हेतु निर्देशित किया ।
उन्होंने क्षेत्र की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया तहसील लक्सर अन्तर्गत बाढ़ से प्रभावित 33 ग्रामों के कुल प्रभावित 81 परिवारों को अस्थायी राहत केन्द्रों यथा-बारातघर, पंचायत घर राधाकृण मन्दिर में शिफ्ट किया गया है तथा 2775 परिवार जो प्रभावित हैं उनकी पूरी मदत की जा रही है । कुछ स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बाधति है तथा विद्युत आपूर्ति बहाल किये जाने को लेकर उन्होंने अधिकारीयों से बात की है और जल्दी ही वहां स्थिति सामान्य हो जायेगी । उन्होंने बताया तहसील हरिद्वार अन्तर्गत 14 ग्राम बाढ़ से प्रभावित है जिनमे 141 परिवारों के 650 व्यक्तियों को राहत सामग्री पहुंचा दी गई है। तहसील रुड़की अन्तर्गत 22 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं जिनके 750 परिवारों के लगभग 3200 व्यक्तियों को सहायता राशि वितरित की जा रही है। तहसील भगवानपुर अन्तर्गत 2 ग्राम बाढ़ से प्रभावित होने जिनके 90 परिवारों के लगभग 380 व्यक्तियों को राहत वितरण की जा रही हैं। उन्होंने बताया भारी वर्षा के कारण जनपद 5 भवन पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हुए है तथा लगभग 205 भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है जिनकी पूरी मदत की जा रही है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया की आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में खाने की व्यवस्था से लेकर रहने की भी पूरी व्यवस्था की गई है। सांसद डॉ निशंक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति आती है तो हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। स्वास्थ्य विभाग और राहत आयुक्त विभाग के साथ ही यहां जिला प्रशासन को संभावित बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नौकाओं के साथ साथ राहत सामग्रियों के बारे में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियो को निर्देशित कर दिया गया है कि राहत शिविर में किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राहत शिविर में किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. बाढ़ प्रभावितों के रहन-सहन और खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर मोबाइल चिकित्सा दल प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह एक्टिव और राउंड पर रहे, साथ ही साथ राहत शिविरों में डॉक्टरों और मोबाइल मेडिकल टीम के पास हर हाल में एंटी वेनम, एंटी रेबीज और हर तरह के विषैले जानवरों के काटने से बचाने वाली दवाई पर्याप्त रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा राहत शिविरों में समुचित सफाई और लाइटिंग हो. साथ ही बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सफाई कराई जाए. जिससे इन क्षेत्रों में संक्रामक बीमारी फैलने न पाए. उन्होंने बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले सड़कों और गलियों की भी शीघ्र मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया।