देहरादून, नीरज कोहली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आई.आर.डी.टी. सभागार, सर्वे चैक देहरादून में आयोजित 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं के ‘सम्मान समारोह’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से 94 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी मेधावियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें गर्व का अनुभव हो रहा है, आज वे प्रदेश के उन सर्वश्रेष्ठ बच्चों से मिल रहे हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर यह दिखाया है कि शिखर पर जाने के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जीवन में कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षा से जीवन की सभी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। शिक्षा में भक्ति जैसी सारगर्भिता होनी चाहिए। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों से कहा कि यह जीवन की प्रारंभिक सीढ़ी है। जीवन की प्रत्येक सीढ़ी पर आपको चुनौतियां मिलेंगी, जिन पर आपको विवेक और बुद्धि के बल पर पार पाना होगा। न तो मेहनत का कोई विकल्प होता है और न ही शॉर्ट कट कभी हमें स्थायी सफलता की ओर ले जाता है। इसलिए हमें विकल्प रहित संकल्प लेकर लगातार मेहनत करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्न पत्र के माध्यम से ही जीवन में हमेशा परीक्षा नहीं आती। कई बार ऐसी चुनौतियां आती हैं, जिनका समाधान अपनी पूरी मेधा लगाकर ही पाया जा सकता है। कार्य करने का अवसर जिस भी क्षेत्र में मिले उस क्षेत्र में लीडर की भूमिका में कार्य करें, उस कार्य के प्रति अपना सर्वश्रेष्ठ दें। चुनौतियों का धैर्यपूर्वक सामना करते हुए अपने पुरुषार्थ के बल पर मंजिल प्राप्त करना ही वास्तविक सफलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश में विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए युग की नई चुनौतियों से निपटने के लिए नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। नई शिक्षा नीति से जहां एक ओर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे वहीं इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर कौशल विकास से युवा कार्य कुशल बनेंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगार परक शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। इससे शोध एवं अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा तथा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य में तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। देश की रैंकिंग में हमारे 05 विश्वविद्यालयों के नाम हैं। इस बार एनडीए एवं सीडीएस की परीक्षा में राज्य से सर्वाधिक बच्चे चयनित हुए। राज्य में पहली बार मेधावियों को सम्मान देने का कार्य मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। राज्य सरकार छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित सरकार है। सरकार द्वारा मेधावी बच्चों के लिए चार छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रधानाचार्यों को नामित किया गया है। प्रदेश में अंक सुधार परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा, दयाशंकर शुक्ल, कुलपति एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।