देहरादून, नीरज कोहली। प्रदेश के ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायती राज, जलागम प्रबन्धन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में ग्रामीण निर्माण विभाग की एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। प्रदेश के ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायती राज, जलागम प्रबन्धन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सोमवार को ग्रामीण निर्माण विभाग की एक समीक्षा बैठक तपोवन मार्ग स्थित मुख्यालय में आहूत की गई। बैठक में विभागीय कार्यों एवं प्रगति की समीक्षा की गयी। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा विभागीय कार्यों के सम्बन्ध में एवं प्रस्तावित ष्मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक के दौरान ग्रामीण निर्माण मंत्री श्री महाराज ने ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा दिये गये प्रस्तुतीकरण की सराहना करते हुए कहा कि ष्मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजनाष् को शीघ्र ही सरकार द्वारा स्वीकृत किया जायेगा। उन्होने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण निर्माण विभाग मितव्ययिता पूर्वक एवं गुणवत्ता पूर्ण निर्माण करवाता है तथा विभाग का स्थापना व्यय मात्र 8.30 प्रतिशत है जो अन्य किसी भी अभियन्त्रण विभाग से कम है। श्री महाराज ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों में पहाड़ी वास्तुकला का समावेश करने एवं सौर ऊर्जा तथा रेनवाटर हास्टिंग सिस्टम का प्राविधान किया जाये। उन्होने विभागीय सुदृढीकरण किये जाने एवं गढ़वाल क्षेत्र हेतु मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) का कार्यालय सृजित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने को भी कहा।
बैठक में सचिव, ग्रामीण निर्माण विभाग राधिका झा द्वारा विभागीय कार्यों में समयबद्धता एवं गुणवत्ता पर बल देते हुए ई-निरीक्षण, तृतीय पक्ष गुणवत्ता नियंत्रण, वेवसाइट अपडेशन एवं निर्माण कार्यों की जियो टेगिंग कराये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया तथा विभाग में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित करने को कहा गया। इस अवसर पर अपर सचिव मायावती ढकरियाल, मुख्य अभियन्ता (स्तर-1) इं०ए० के० पन्त, उप सचिव दीप्ति मिश्रा, अनु सचिव राजीव तिवारी, अनुभाग अधिकारी नवल ओझा, अधीक्षण अभियन्ता इं० विभूविश्वमित्र रावत, इं० अनिल कुमार, इं० मनीष मित्तल, इं० हितेश पाल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। विभाग के सभी प्रखण्डों के अधिशासी अभियन्ताओं द्वारा बैठक में वी०सी० के माध्यम से प्रतिभाग किया गया।