देहरादून,नीरज कोहली। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने महान शहीद उधमसिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। शहीद उधमसिंह को श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन की कुछ ऐसी तारीख़े हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियावाला बाग में घटी घटना को याद करके आज भी अंग्रेजों के क्रूर अत्याचार की तस्वीरें आंखों को नम कर देती हैं। इस घोर नरसंहार को महान क्रांन्तिकारी उधमसिंह ने अपनी आखों से देखा था क्योंकि वे उस समय वहां उपस्थित लोगों में शामिल थे। शहीद उधमसिंह पर इस बर्बरता का मानसिक असर इतना अधिक पड़ा कि उन्होंने उसी वक्त प्रण लिया कि वे इस खून का बदला खून से लेंगे। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उधमंिसह एक ऐसा नाम है जिसने अपने देश के लोगों की मौत का बदला अंग्रेजों के घर में जाकर लिया और पंजाब के गवर्नर रहे माईकल ओ डायर को गोलियों से भून दिया। भारत माता के इस सपूत के खिलाफ इस हत्या के कारण लंदन में एक विषेष अदालत में मुकदमा चलाया गया जिसमें शहीद उधमंिसह ने वीरता पूर्वक सिर ऊंचा रखते हुए इस हत्या को स्वीकार किया और कहा मुझे इस कार्य पर गर्व है। अंग्रेज अदालत ने उन्हें फांसी की सजा दी जिसे वे हंसते-हंसते स्वीकार कर फांसी के तख्ते पर झूल गये। उन्होंने कहा कि अमर शहीद उधमंिसह के इस बलिदान को भारत कभी भुला नहीं सकता है। उधमंिसह ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर दुनिया को संदेश दिया कि अत्याचारियों को भारतीय वीर कभी बख्शा नहंीं करते हैं। आज हम उन्हीं अमर शहीद उधमंिसह को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।