देहरादून। हमेशा सियासी चर्चाओं के केंद्र में रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के आला नेता डॉ.हरक सिंह रावत के कई ठिकानों पर बुधवार को विजिलेंस की टीमों ने छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार छापेमारी रावत के वन मंत्री रहते कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर की गई है।
बुधवार सुबह की गई इस कार्यवाही के दौरान उनके सहसपुर स्थित कॉलेज और पेट्रोल पंप तथा विधौली स्थित हॉस्टल पर विजिलेंस की टीम द्वारा छापे मारे गए। विजिलेंस की टीम ने उनके निजी ठिकानों पर गहन जांच पड़ताल की,हालांकि इस छापेमारी में विजिलेंस के अधिकारियों के हाथ क्या लगा है इस विषय में कोई जानकारी नहीं हो सकी है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस टीम द्वारा अवैध व अनैतिक तरीको से की गई कमाई और उसके खर्च करने वाले मदो की जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस छोड़कर अपने तमाम सहयोगियों के साथ 2016 में भाजपा में जाने वाले डा. हरक सिंह रावत भाजपा की पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में वन मंत्री बनाये गये थे। 2018-19 में उनके वन मंत्री रहते ही कार्बेट पार्क में टाइगर सफारी योजना को शुरू किया गया था जिसके लिए 600 से 700 के बीच वृक्षों का कटान किया गया था, यही नहीं पार्क में सैर के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस निर्माण आदि कई बड़े काम कराए गए थे। जिसकी ऑडिट रिपोर्ट में सरकारी पैसे से खरीदे गए भारी भरकम जनरेटरर्स आदि का प्रयोग उनके द्वारा निजी कामों में किए जाने का खुलासा हुआ था वही इस टाइगर सफारी योजना में तमाम वित्तीय अनिमितताओं का खुलासा होने पर डीएफओ और वन रेंजर को सस्पेंड कर दिया गया था।
2018-19 के इस मामले के खुलासे के बाद इस घपले घोटाले में वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की संलिप्ता की बात भी सामने आई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व डा. हरक सिंह रावत फिर भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में लौट आए थे। तभी से वह भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं।