देहरादून, नीरज कोहली। भाजपा ने महिला आरक्षण लागू करने को लेकर कॉंग्रेस के सवालों पर पलटवार करते हुए कहा, श्री राम जन्मभूमि मंदिर की तारीख भी हमने बताई थी और सनातनी भावना की प्रतीक मातृ शक्ति वंदन का मुहूर्त भी हम ही निकालेंगे।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो 60 सालों तक कुछ नहीं किया द्य हम नहीं चाहते जल्दीबाजी में आरक्षण लागू हो और राहुल गांधी की तरह कांग्रेस अध्यक्ष भी अपनी सीट रिजर्व करने के झूठे आरोप लगाएँ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पत्रकारों द्धारा कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के सवालों का जबाब देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष माहरा को महिला आरक्षण को लेकर अपनी नेता सोनिया गांधी को क्रेडिट देने की गलतफहमी निकाल लेनी चाहिए क्योंकि देश ने देखा किस तरह भाजपा के पूर्ण समर्थन से राज्यसभा में पास बिल को कॉंग्रेस लोकसभा में लाने की हिम्मत नहीं जुटा पायी थी। अपनी ही सहयोगी पार्टियों सपा और राजद के शर्मनाक हंगामे से सरकार गिरने का खौफ कॉंग्रेस सरकार में ऐसा बैठा कि 2014 तक दोबारा इस मुद्दे पर मुंह नहीं खोला। कॉंग्रेस को एहसास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की मातृ शक्ति के वंदन का निर्णय लिया है और हर कीमत पर इसे लागू करके रहेंगे। यही वजह है, परिसीमन एवं जनगणना जैसी संवैधानिक बाध्यता को जानते बूझते भी आरक्षण के लागू होने की तारीखों पर संशय खड़ा कर रहे हैं। लेकिन जनता को मोदी जी पर पूर्ण भरोसा है, मोदी है तो मुमकिन है द्य उन्हे भरोसा है कि जिस तरह विपक्ष ताने मरने के लिए श्री राम जन्मभूमि की तारीख पूछता रहा और अब जनवरी में यह सपना साकार होने जा रहा है, ठीक उसी तरह महिला आरक्षण बिल भी सभी तकनीकी प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए लोकतन्त्र को मजबूती देते हुए लागू होगा। उन्होने व्यंग कसते हुए कहा, यदि अभी लागू कर दिया तो वायनाड में राहुल गांधी और रानीखेत में करन महरा की सीट भी आरक्षित न हो जाये। तब षड्यंत्र के तहत आरक्षित करने के झूठे आरोप लगाते रहेंगे। लिहाजा कॉंग्रेस को विनम्रता से स्वीकारना होगा कि पहले सबसे अधिक सत्ता में रहते आपने कुछ नहीं किया और अब इस ऐतिहासिक कदम के लिए जरूरी इंतजार पर आपकी बैचेनी किसी को हजम नहीं होने वाली है। श्री भट्ट ने अंकिता मर्डर को लेकर लगाए आरोपों पर कहा कि प्रदेश की जनता ने उनके इस दुखद प्रकरण को लेकर किए राजनैतिक कार्यक्रमों का बहिष्कार कर स्वयं करारा जबाब दे दिया है। लिहाजा उन्हे सच्चाई को स्वीकार करते हुए अंकिता को इंसाफ दिलाने की न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।