देहरादून,नीरज कोहली। आगामी देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (डीडीएलएफ) के 5 वें संस्करण की घोषणा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई। यह साहित्यिक उत्सव 27 से 29 अक्टूबर तक शहर के दो स्थानों दून इंटरनेशनल स्कूल (रिवरसाइड कैंपस) और हयात रीजेंसी देहरादून रिसोर्ट एंड स्पा में आयोजित होने जा रहा है। मीडिया से रूबरु होते हुए,डीडीएलएफ के संस्थापक और निर्माता समरांत विरमानी ने कहा, “पुराने समय में जब पूरे देश में साहित्य उत्सव शुरू हो चुके थे, तब देहरादून के पास साहित्य समुदाय को बांधने के लिए अपना कोई साहित्यिक मंच नहीं था। नवोदित राज्य और देश की शैक्षिक राजधानी होने के नाते हमारे शहर को एक ऐसे मंच की जरुरत थी जहाँ छात्रों को साहित्य का सही एक्सपोजर मिल सके। इस जरुरत को पूरा करने के लिए वर्ष 2017 में हमनें डीडीएलएफ की शुरुआत की और बहुत ही कम समय में, हम एक ऐसे मंच के रूप में उभर के आये हैं जो न केवल देहरादून बल्कि पूरे उत्तराखंड के सभी साहित्य समुदाय का फेस्टिवल कहलाता है।”
दून इंटरनेशनल स्कूल (रिवरसाइड कैंपस) में डीडीएलएफ के उद्घाटन वाले दिन नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी,रस्किन बॉन्ड,अशोक चक्रधर, डॉ.बिबेक देबरॉय,गुरुचरण दास,हिंडोल सेनगुप्ता सहित साहित्य के क्षेत्र के कई प्रमुख नाम शामिल होंगे। प्रसिद्ध अगाथा क्रिस्टी फेस्टिवल,जो हाल ही में यूनाइटेड किंगडम में संपन्न हुआ है,उसका डीडीएलएफ से मिलाप,इस वर्ष के संस्करण का मुख्य आकर्षण होगा। अगाथा क्रिस्टी फेस्टिवल से एक प्रतिनिधि,डॉ. मार्क एल्ड्रिज (लेखक और अगाथा क्रिस्टी विशेषज्ञ) डीडीएलएफ में शामिल होंगे। गौरतलब है की डीडीएलएफ भारत का पहला साहित्यिक उत्सव होगा जिसमें अगाथा क्रिस्टी फेस्टिवल अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करेगा। इसके साथ साथ,डीडीएलएफ उत्तराखंड के साहित्यिक क्षेत्र में विख्यात गौरा पंत,जिनको शिवानी के नाम से भी जाना जाता है,को उनके जन्मशती वर्ष में उनकी स्मृति में एक पुरस्कार स्थापित करके सम्मानित कर रहा है। ‘शिवानी दृ आयरन लेडी ऑफ द हिल्स’ नामक इस पुरस्कार में 25000 रुपये का इनाम उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल कर चुकी उन प्रमुख महिला हिंदी लेखकों को दिया जायेगा जिन्होंने लगातार अपनी साहित्यिक रचनाओं से महिलाओं का नाम रोशन किया है। इस महोत्सव में एक वार्षिक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा,जिसमें दो श्रेणियों में पांडुलिपियों को आमंत्रित किया जायेगारू ‘उभरते लेखक’ और ‘होनहार लेखक’लोकप्रिय लेखक रस्किन बॉन्ड स्वयं विजेता को ‘रस्किन बॉन्ड साहित्य पुरस्कार’ प्रदान करेंगे।
आगे बताते हुए, समरांत ने कहा, “इस वर्ष के संस्करण में दो उत्कृष्ट महिला लेखकों अगाथा क्रिस्टी और शिवानी जी को एक ही मंच पर लाकर हम वैश्विक स्तर के साथ साथ हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने का प्रयास करेंगे। एक तरफ डॉ. एल्ड्रिज अगाथा क्रिस्टी की विरासत के बारे में बात करेंगे, और दूसरी तरफ हम ‘आयरन लेडी ऑफ द हिल्स’ अवार्ड के माध्यम से शिवानी जी का उनके जन्मशती वर्ष में सम्मान करेंगे।”
देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के महत्वपूर्ण संरक्षकों और सलाहकारों में से एक प्रशंसित भारतीय फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज हैं। उनकी हालिया ओटीटी रिलीज,‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ द सोलंग वैली’ क्रिस्टी के उपन्यास द सिटाफोर्ड मिस्ट्री पर आधारित है। आगामी डीडीएलएफ संस्करण के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, भारद्वाज ने कहा,“मैंने डीडीएलएफ को हर साल उभरते हुए देखा है। अगाथा क्रिस्टी सत्र इस वर्ष का मुख्य आकर्षण होने जा रहा है, और इस सत्र में मैं इस प्रतिभाशाली, रहस्यमय लेखक के बारे में दर्शकों से बात करने के लिए उत्साहित हूं। अगाथा क्रिस्टी महोत्सव की चेयर, हीथर नॉर्मन-सोडरलिंड कहती हैं, ““हमें इस वर्ष डीडीएलएफ में प्रतिष्ठित अगाथा क्रिस्टी विद्वान, डॉ. मार्क एल्ड्रिज की उपस्थिति से खुशी है। हमारा ध्यान फेस्टिवल में उपस्थित दर्शकों के बीच क्रिस्टी के कालातीत कार्यों के प्रति गहरी सराहना को बढ़ावा देना रहेगा।” डीडीएलएफ के इस संस्करण में साहित्य, संस्कृति, सिनेमा और सार्वजनिक जीवन जैसे विविध क्षेत्रों से प्रसिद्ध साहित्यिक हस्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला देखने को मिलेगी, जिनमें वसीम बरेलवी, डॉ. तान्या नरेंद्र, गीत चतुर्वेदी, इम्तिआज अली, शोभिता धूलिपाला, मुज्जफर अली, समीर सोनी, सौरभ द्विवेदी, अदिति महेश्वरी, अक्षत गुप्ता, स्वास्तिका मुखर्जी, स्वप्ना लिडल, सत्या व्यास, यतींद्र मिश्रा और पुरूषोत्तम अग्रवाल शामिल हैं। दून इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक एचएस मान ने डीआईएस में डीडीएलएफ की मेजबानी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “हम दून इंटरनेशनल स्कूल में देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की मेजबानी करके उत्साहित हैं। बुक वर्ल्ड के मालिक रणधीर अरोड़ा ने आगामी डीडीएलएफ में चर्चा के कुछ विषयों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा, “डीडीएलएफ के इस संस्करण के दौरान जिन कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी उनमें कविता, सिनेमा, मीडिया, भोजन, मानसिक और शारीरिक कल्याण, शरीर की स्वायत्तता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भाषा, इतिहास, आदि शामिल हैं।