देहरादून। दून को और भी हरा-भरा बनाने के लिए एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अभिनव प्रयास किया है। उपाध्यक्ष की इस नवीन पहल के क्रम में बिल्डर, हरेला त्योहार से पहले शहर के प्रमुख मार्गों को गोद लेंगे। प्राधिकरण बिल्डरों को फलदार पौधों के अलावा दूसरे पौधे व ट्री गार्ड उपलब्ध कराएगा, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी भविष्य में संबंधित बिल्डरों की होगी। आज प्राधिकरण सभागार में उपाध्यक्ष श्री तिवारी की अध्यक्षता में बिल्डर्स के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपाध्यक्ष श्री तिवारी ने कहा कि यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि शहर को हरा-भरा बनाएं। इसी क्रम में प्रमुख बिल्डरों को शहर के विभिन्न मार्गों की जिम्मेदारी दी गयी है। महालक्ष्मी बिल्डर्स को जोगीवाला से लेकर रिस्पना पुल, कीर्ति अग्रवाल को निम्बूवाला मार्ग, राजेश खन्ना को पुरकुल रोड, राजेन्द्र अग्रवाल को दिलाराम से गवर्नर हाउस, सिनर्जी अस्पताल के संचालकों को बल्लूपुर चैक से लेकर कैंट थाने तक कि जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा जो बिल्डर बैठक में नहीं पहुँच पाए उन्हें भी अन्य मार्गों की जिम्मेदारी प्रदान की जाएगी।
उपाध्यक्ष श्री तिवारी ने बैठक के दौरान बिल्डर्स से कहा कि कमर्शियल भवनों के निर्माण में जनििमदमक ग्लास का इस्तेमाल न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ग्लास ज्यादा एनर्जी ग्रहण करता है जिससे ताप बढ़ता है। इसके स्थान पर उन्होंने बिल्डर्स को वैक्यूम ग्लास के उपयोग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानचित्र स्वीकृति के दौरान इसे अनिवार्यता के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने भवनों के निर्माण में ईको फ्रेंडली साम्रगी इस्तेमाल के निर्देश भी दिए। बिल्डर्स द्वारा भी अवगत कराया गया कि साउथ फेसिंग भवनों में वे वेदर कोट कर रहे हैं, जिससे तापमान में कमी होती है। उपाध्यक्ष ने कहा कि फसाड नीति में शामिल सभी 25 बिंदुओं को ईको फ्रेंडली निर्माण में इस्तेमाल करें। बिल्डरों ने बैठक में यह भी अवगत कराया कि उनके द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों में रिचार्ज पिट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि का इंतजाम किया जा रहा है जिस पर उपाध्यक्ष श्री तिवारी ने इन तमाम कार्यों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बिल्डरों को प्राधिकरण प्रोत्साहित भी करेगा जो ईको फ्रेंडली निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देंगे। उपाध्यक्ष श्री तिवारी ने बिल्डरों को यह भी निर्देशित किया कि बड़े आवासीय प्रोजेक्ट में बिल्डर यह भी सुनिश्चित करें कि पार्क इत्यादि में 25 प्रतिशत फलदार व छायादार पौधे रोपें। इसके अलावा बाहर सोलर लाइट्स लगाई जाएं। यह शर्तें अनिवार्य रूप से मानचित्र स्वीकृति के समय पूर्ण करनी होंगी।