उत्तरकाशी। यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम की यात्रा इस बार नित नए प्रतिमान गढ़ रही है। कपाट खुलने के एक महीने के अंदर इन दोनों धामों में अभी तक सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पदार्पण हो चुका है और पिछले साल की तुलना में तीर्थयात्रियों की आमद का यह आंकड़ा लगभग 40 प्रतिशत अधिक है। । प्रशासन के द्वारा रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों के आवागमन को देखते हुए यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चैबंदल बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसके चलते यात्रा सुचारू और सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है। गत 10 मई को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हुई चारधाम यात्रा के को आज एक माह पूरे हो गए हैं। इस यात्रा काल में पहले दिन से ही रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आवागमन का क्रम अनवरत रूप से जारी है और इन दोनों धामों में पहॅुंचने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 706320 हो गई है। दोनों धामों में यात्रियों की तादाद में पिछले साल (505242) की तुलना में 39.80 प्रतिशत की वृद्धि तथा वर्ष 2022 (475058) की तुलना में 48.68 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। एक महीने के अंदर इस बार यमुनोत्री धाम में 356305 तीर्थयात्री आ चुके हैं। यात्रियों की आमद का यह आंकड़ा वर्ष 2023 (239913) से 48.51 प्रतिशत अधिक तथा वर्ष 2022 (203294) से 75.27 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह गंगोत्री धाम में भी इस बार 350015 श्रद्धालु पहॅुच चुके हैं। गंगोत्री में शुरूआती एक माह के दौरान वर्ष 2023 (265329) की तुलना में 31.92 प्रतिशत अधिक तथा वर्ष 2022 (271764) के तुलना में 28.79 प्रतिशत अधिक तीर्थयात्री पहॅॅुंचे है।
रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आवागमन के बावजूद यात्रा सुचारू और सुव्यवस्थित रूप से जारी है। प्रशासन के द्वारा यात्रा को लेकर गत फरवरी माह से निरंतर तैयारियों में जुटते हुए यात्रा की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही थी। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा यात्रा से पूर्व अनेक बार अधिकारियों के साथ यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के आखिरी पड़ावो तक का भ्रमण कर यात्रा व्यवस्थाओं का चाक-चैबंद करने पर विशेष जोर दिया गया। धामों, यात्रा पड़ावों व यात्रा रूटों पर इस बार यात्री सुविधाओं, स्वास्थ्य व्यवस्था, पेयजल, रोशनी, सफाई व टालेट्स की व्यवस्था को सुदृढ करने को प्राथमिकता दी गई। जिसके परिणामस्वरूप इस बार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आवागमन के बावजूद यात्रा के तमाम प्रबंध सुचारू व सुव्यवस्थित बने हुए हैं और श्रद्धालुओं के द्वारा यात्रा इंतजामों की निरंतर सराहना की जाती रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारी धामों एवं यात्रा पड़ावों पर निरंतर तैनात हैं और जिलाधिकारी भी समय-समय पर दोनो यात्रा मार्गों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं पर निरंतर नजर रखे हुए हैं। शुरूआती दौर में अत्यधिक संख्या में वाहनों के आ जाने के कारण यात्रा मार्गों के संकरे हिस्सों पर यातायात संचालन को लेकर कुछ समस्यायें पैदा हुई थी। आवागमन के को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किए जाने से सड़कों पर आवागमन निर्बाध व सुचारू बना हुआ है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों व डंडी का रोटेशन तय कर उस पर सख्ती से अमल किए जाने के फलस्वरूप और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आवाजाही काफी व्यवस्थित व सुरक्षित हुई है।
यमुनोत्री व गंगोत्री मार्ग पर इस बार स्वास्थ्य सेवाएं बढाई गई है और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने के साथ ही मोबाईट मेडीकल टीमों की भी तैनाती की गई है। यात्रियों की चिकित्सा सहायता के लिए यमुनोत्री पैदल मार्ग तथा गंगोत्री से गोमुख मार्ग पर चाली स्वास्थ्य मित्र तैनात करने के साथ ही यमुनोत्री रूट पर तीन मेडीकल रिलीफ पोस्ट संचालित की जा रही हैं। यात्रियों की सहायता के लिए पैदल मार्ग पर पुलिस, एसडीआरएफ तथा पीआरडी के जवानों के साथ ही पर्यटन मित्र भी तैनात किए गए हैं।
जिले के यात्रा मार्गों पर सफाई व्यवस्था के लिए तीन सौ भी अधिक पर्यावरण मित्र जुटाए गए हैं और सफाई व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं की नियमित रूप से मॉनीटरिंग करने के लिए सेक्टरवार अधिकारियों की अलग से तैनाती करने के साथ ही नियंत्रण कक्ष से ऑनलाईन निगरानी भी की जा रही है। सफाई व्यवस्था हेतु जिला पंचायत, नगर निकायों एवं सुलभ इंटरनेशन के माध्यम से यमुनोत्री मार्ग पर 148 एवं गंगोत्री मार्ग पर 154 पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा रूटो व पड़ावों पर लगभग डेढ सौ टॉलेट्स स्थापित किए गए हैं। जिनका रख-रखाव सुलभ इंटरनेशनल, जिला पंचायत एवं नगर निकायों के द्वारा किया जा रहा है। गंगोत्री मार्ग पर बंदरकोट (उत्तरकाशी) से गंगोत्री धाम एवं उत्तरकाशी से चैरंगी तक 88 टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। यमुनोत्री यात्रा रूट पर 59 टॉयलेट्स स्थापित किए गए हैं। यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार मोबाईल टायलेट्स भी रखे जा रहे हैं। प्रशासन के द्वारा धामों एवं यात्रा पड़ावों व मार्गों पर रोशनी के विशेष इंतजाम किए गए हैं। यमुनोत्री पैदल मार्ग व जानकीचट्टी-खरसाली में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाईट स्थापित करने के साथ ही यमुनोत्री धाम व जानकीचट्टी में हाईमास्ट लाईट की स्थापना की गई है। इसी तरह गंगोत्री धाम में स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था बढाई गई हैं और गंगोत्री में भी दो हाईमास्ट लाईट स्थापित कराई गई हैं।