पर्यावरणप्रेमी फिर उतरे सड़को पर,पेड़ो के कटान के विरोध में निकाली पदयात्रा

देहरादून।कैनाल रोड के पेड़ों पर निशान लगाए जाने और देहरादून में प्रस्तावित कई योजनाओं के कारण पेड़ों को होने वाले नुकसान के विरोध में रविवार को पर्यावरणप्रेमी और विभिन्न संगठनों के लोग फिर सड़क पर उतर आए। इन संगठनों ने कैनाल रोड स्थित एनआईवीएच गेट के सामने से शिव मंदिर मसूरी रोड तक करीब एक किमी तक पदयात्रा निकाली। पर्यावरण संरक्षण को लेकर पर्यावरण प्रेमी मुखर हो गए हैं। कैनाल रोड पर पेड़ों पर निशान लगाने को लेकर सुबह एनआईवीएच के पिछले गेट से मंदिर तक एक विरोध मार्च निकाला गया। इसमें दून के कई पर्यावरण प्रेमी व कई संगठनों के लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बेशक अभी कैनाल रोड पर पेड़ों को काटने का कार्य नहीं किया जा रहा हो, लेकिन पेड़ों पर निशान लगाए जाने का कार्य यूं ही नहीं किया गया है। यह रोड चैड़ी होनी है, ऐसे में निश्चित तौर पर इसमें पेड़ों का कटान प्रस्तावित है। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा, झाझरा मसूरी, आशारोड़ी, झाझरा मार्ग, देहरादून मसूरी रेल मार्ग प्रस्तावित है। जौलीग्रांट हवाई अड्डे के कारण भी पेड़ों का कटान निश्चित है। इसलिए देहरादून के वर्तमान स्वरूप को न केवल बचाना है, बल्कि पेड़ों को लगाकर पुराने देहरादून के वजूद को वापस लाना है। पर्यावरण प्रेमियों ने हरियाली के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। कहा कि पेड़ों को नुकसान पहुंचेगा, इसलिए किसी भी सूरत में पेड़ों का कटान न हो इसलिए आवाज बुलंद की जा रही है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार देहरादून में पर्यावरण से जुड़े संघटन कैनाल रोड में एनआईवीएच के पीछे वाले गेट के सामने एकत्रित हुए व मसूरी रोड की ओर जुलूस के रूप में पर्यावरण जागरूकता संबंधित नारे लगाते हुए प्रस्थान किया। पर्यावरण प्रेमी पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ, हरा दून आदि नारे लगा रहे थे। इस दौरान रवि चोपड़ा ने लोगांे को सावधान करते हुए कहा कि लोग सावधान रहें देहरादून में जहाँ पेड़ कट रहे हों वहाँ विरोध दर्ज करें और आने वाले निकाय चुनावों में उन्हीं लोगांे को चुने जो लोग पर्यावरण प्रेमी हों। अनूप नौटियाल व लोकेश ओहरी ने ग्रीन देहरादून पर जोर देते हुए कहा कि विकास के नाम पर विनाश नहीं होना चाहिए। जगमोहन मेंदीरत्ता ने सरकार कि मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैनाल रोड में पेड़ों पर नंबर व निशान क्यों लगाये गए। अगर मंशा पेड़ंों को काटना नहीं था तो अब जनदबाव के कारण पेड़ांे पर नम्बर पेंट क्यों किया गया। नितिन मलेथा, नवीन सदाना, हिमांशु अरोरा ने कहा कि इसी प्रकार आने वाले कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी जारी रखें। कमला पंत, सतीश धौलखंडी, त्रिलोचन भट्ट ने जनगीत गाये। डा. महेश कुड़ियाल, अमर सिंह धुनता, आरिफ मोहम्मद, तन्मय ममगाईं समेत सैकड़ांे पर्यावरण प्रेमी इस मार्च में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन इरा चैहान ने किया। इस मौके पर दून सिटीजन फोरम से राधा, भारती जैन, जया भट्टाचार्य आदि उपस्थित रहे।