ऋषिकेश। केंद्रीय विद्युत मंत्री तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में 2400 मेगावाट के टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। विद्युत मंत्रालय के प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल के साथ, मंत्री का टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई, निदेशक (कार्मिक), शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (तकनीकी), भूपेन्द्र गुप्ता और टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) में चल रही निर्माण गतिविधियों का निरीक्षण किया, जो टीएचडीसीआईएल की एक प्रमुख परियोजना है। साथ ही जो भारत में अक्षय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। माननीय मंत्री ने बटरफ्लाई वाल्व चैंबर, मशीन हॉल और टिहरी पीएसपी के आउटफॉल सहित कई प्रमुख कार्य क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण किया और नदी संयोजन कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की, जो पीएसपी की मौजूदा जल प्रबंधन प्रणालियों को एकीकृत करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
चल रहे प्रयासों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए मंत्री ने नवीकरणीय और विश्वसनीय जलविद्युत उत्पादन को आगे बढ़ाने की दिशा में टीएचडीसीआईएल के अथक समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए पूरी टीएचडीसी टीम को बधाई दी। मनोहर लाल ने टीएचडीसी टीम की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और 2400 मेगावाट के टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स के विकास में उनके द्वारा स्थापित उच्च मानकों की सराहना की द्य साथ ही कहा कि किस प्रकार टीएचडीसीआईएल प्रधानमंत्री,नरेंद्र मोदी जी के 2047 तक विकसित भारत के विजन के साथ आगे बढ़ी रही है। उन्होंने कहा, “टिहरी बांध टीएचडीसीआईएल के लिए एक उल्लेखनीय माइलस्टोन है, जो ऐसे समय में पूरा हुआ जब इस तरह के विशाल बांध का विचार लगभग अकल्पनीय लगता था। टिहरी बांध का विकास किसी चमत्कार से कम नहीं है और अपने आप में एक इंजीनियरिंग मारवेल है”।
टीएचडीसी प्रबंधन और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में मंत्री जी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग प्रदान करने में जलविद्युत के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने टीएचडीसीआईएल की टीम से अपनी गति बनाए रखने और शेष परियोजना चरणों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने जलविद्युत प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाने में टीएचडीसीआईएल के प्रयासों की प्रशंसा की और टीएचडीसीआईएल की टीम को उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित किया। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने मंत्री को उनके निरीक्षण दौरे और उत्साहवर्धक शब्दों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के लिए एक सतत ऊर्जा भविष्य में योगदान देने के व्यापक मिशन के हिस्से के रूप में टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। यह दौरा टीएचडीसीआईएल टीम के मध्य उद्देश्य की नई भावना उत्पन्न करने के साथ संपन्न हुआ, जो भारत के जलविद्युत क्षेत्र के भविष्य के लिए मंत्री जी के विजन एवं उस विजन को साकार करने में टीएचडीसीआईएल की विशेष भूमिका के लिए प्रेरित करता है।