देहरादून। भाजपा ने श्री केदारनाथ धाम से शिला दिल्ली ले जाने के कांग्रेसी आरोपों को सफेद झूठ बताया है । राजनैतिक लाभ के लिए सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचाने के उनके षड्यंत्र को जनता बखूबी समझती है। क्योंकि कल तक संसद में हिंदुओं को हिंसक बताने वाली राहुल कांग्रेस का श्री केदारनाथ धाम से हालिया राजनैतिक प्रेम, किसी को हजम होने वाला नहीं है। साथ ही चेताया कि बाबा का धाम जागृत पीठ है, उसके अपमान का दुष्परिणाम उन्हे अवश्य झेलना होगा।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पार्टी प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि भगवान केदारनाथ राजनीति का अखाड़ा नहीं है जिस तरह से कांग्रेस या कुछ अन्य लोग राजनीति का केंद्र बनाना चाहते हैं । जहां तक विषय है, धाम के महात्मय का तो पुराणों एवं पौराणिक ग्रंथों में श्री केदार धाम को जागृत पीठ माना गया है। ऐसे पावन धाम और पवित्र स्थान को लेकर अफवाह फैलाना धाम से दिल्ली शिला ले गए हैं या वहां ऐसी कोई शिला दिल्ली में स्थापित की गई है, यह कांग्रेसी षड्यंत्र का जीता जागता नमूना है। हकीकत यह है कि दिल्ली के उस मंदिर ट्रस्टी ने बहुत ही स्पष्ट कहा है कि उनका मकसद सिर्फ वहां एक मंदिर बनाने का है । और इस मंदिर का केदारनाथ धाम से कोई संबंध नहीं है। मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि हमारे चारो धाम न कहीं और हो सकते हैं, न पहले ऐसा कभी हुआ है ना कभी हो सकता है और न ही भविष्य में होगा । मुद्दे की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए, सब कुछ स्पष्ट होने के बाद भी इसे राजनीतिक स्वरूप देना बहुत ही गलत है ।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के साथ बहुत बड़ी साजिश चल रही है। जिसकी शुरुआत उसी दिन नजर आ गई थी जब सदन के अंदर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताया था । उनकी और कांग्रेसियों के मन में भगवान भोलेनाथ और उनके धाम के प्रति झूठी श्रद्धा की पोल तब ही खुल गई थी, जब भगवान शिव की फोटो को उन्होंने किसी फिल्मी कलाकार की फोटो की तरह सदन में प्रदर्शित किया। उनके इसी निर्देश को स्वीकार करते हुए, उनके प्रवक्ता जेब से फोटो निकालकर मीडिया को दिखाते हैं । बेहद अफसोस होता है एक राष्ट्रीय दल के नेताओं की ऐसी करतूतों को देखकर, और ये अफसोस दुख में प्रवर्तित हो जाता है जब वही लोग भगवान के धाम को लेकर अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं । उन्हे विचार करना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं या क्या करना चाहते हैं । भगवान के नाम पर राजनीति कर वे सनातन धर्म को कमजोर करना चाहते हैं या ऋषि मुनियों की परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं या फिर हमारी जो व्यवस्थित संस्कृति है उसको वे समाप्त करना चाहते हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि संभवत वे किसी विदेशी शक्ति के हाथों में तो नहीं खेल रहे हैं । यह देश की सनातन संस्कृति के विरुद्ध एक बड़े षड्यंत्र को दर्शाता है । जिससे कांग्रेस एवं अन्य लोगों को बचना चाहिए, क्योंकि भगवान केदारनाथ का यह एक जागृत स्थान है । लिहाजा मीडिया में आकर सस्ती लोकप्रियता अर्जित करने की कोशिश कांग्रेस नेताओं को मंहगी पड़ सकती है। भगवान शिव के पावन धाम के अपमान की कोशिश के बहुत बड़े दुष्परिणाम ऐसा करने वालों को भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस को भी ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिससे देवभूमि का सम्मान और भगवान केदारनाथ धाम का मान हमेशा शोभित होता रहे। क्योंकि राजनैतिक लाभ के लिए सनातन धामों और संस्कृति को नुकसान पहुंचाने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता हैं।