देहरादून। भाजपा ने कांवड़ यात्रा और आपदा सीजन में कांग्रेस की राजनैतिक यात्रा के औचित्य पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा, टिहरी समेत कई स्थानों पर प्रदेश आपदा का सामना कर रहा है, लेकिन इनके नेताओं को यात्रा से फुर्सत नहीं है। साथ ही कटाक्ष किया कि कांग्रेसी श्री केदारनाथ धाम की नहीं बल्कि अपनी अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए यात्रा पर निकले हैं।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान टिहरी विधायक ने कहा, बूढ़ा केदार, उत्तरकाशी, यमुनोत्री, चमोली आदि स्थानों में स्थानीय लोगों के साथ शासन प्रशासन आपदा का मजबूती से सामना कर रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी राजनैतिक यात्रा में मग्न हैं। उनके बड़े नेताओं और विशेषकर प्रदेश अध्यक्ष ने एक भी दिन, आपदा प्रभावितों का दुख दर्द जानने की फुर्सत नहीं मिली। इससे पूर्व भी जब उन्होंने हरिद्वार से यात्रा की शुरुआत की तो वहां कांवड़ की यात्रा चरम पर थी और ऐसी राजनैतिक यात्रा किसी भी बड़ी समस्या का कारण बन सकती थी। लेकिन कांग्रेस के नेताओं को अपनी राजनीति से मतलब है, आम जनता को होने वाली असुविधाओं से नही है। ऐसे में बेहतर होता, वे यात्रा एवं मानसून सीजन की प्रतिकूल परिस्थितियों को समझते और जनहित एवं राज्यहित में अपनी यात्रा स्थगित करते। इस मौके पर उन्होंने चिंता जताई कि आपदा में कांग्रेस की यात्रा के दौरान हुई कोई दुर्घटना हो जाए तो कौन जिम्मेदार होग।
न्होंने कटाक्ष किया कि भगवान भोलेनाथ, केदार धाम में स्वयंभू विराजमान है और दुनिया की कोई भी ताकत उनकी महिमा को कम नहीं कर सकती है। उसपर देवभूमि के धाम शब्द वाले सभी मंदिरों के नाम पर ट्रस्ट या समिति बनाने पर धामी सरकार ने रोक लगा दी है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं का श्री केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा बचाने के लिए चलाई का रही यात्रा हास्यास्पद है। प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को अहसास है कि ये यात्रा बाबा के धाम की प्रतिष्ठा बचाने की नहीं बल्कि अपनी अपनी राजनैतिक प्रतिष्ठा बचाने की यात्रा है। उन्हें अहसास हो गया है कि केदारनाथ सीट वे कभी नहीं जीतने वाले, केदारनाथ धाम को अपनी रणनीति हिस्सा बनाकर जनता को भ्रमित करने में लगे हैं लेकिन जनता उनकी नीति एवं नियत दोनों को अच्छी तरह से जानती है और बाबा केदार भी कांग्रेस को उनके पाप का दंड अवश्य देंगे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, जो देश दुनिया में सनातन को समाप्त करने की बातें करते हों, उनका देवभूमि में श्री केदार धाम को बचाने की बात करना पूरी तरह ढकोसला है। उन्हें इतनी ही चिंता है तो सबसे पहले, हाल में ही अपनी कर्नाटक सरकार द्वारा वहां रामनगर जिले का नाम परिवर्तित करने की आलोचना करनी चाहिए । लेकिन वह ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि सनातन का विरोध करना उनकी असलियत है। पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान, डाक्टर आर पी रतूड़ी, कमलेश रमन, सुनीता विद्यार्थी बौड़ाई, राजेंद्र नेगी मौजूद रहे।
वहीं, भाजपा नेता जोत सिंह बिष्ट ने बिना लाग लपेट कर कहा, ये यात्रा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा अपनी कुर्सी बचाने के लिए निकाल रहे हैं। क्योंकि हार के कारण जानने पहुंचे के एल पूनिया के सामने बाकी सभी कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा उनकर फोड दिया है। यही वजह है कि उनकी पार्टी के सभी बड़े नेता यात्रा से अब तक नदारद रहे हैं और अब अंतिम समय में शामिल होने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। उनके लोकसभा चुनाव के पोस्टर ब्यॉय तो अपने लोकसभा क्षेत्र से गुजरी इस यात्रा से पूरी तरह दूर रहे। अब यात्रा के अंतिम चरण में सभी केदारनाथ पहुंचकर पार्टी में अपनी अपनी कुर्सी सुनिश्चित करे जुटे हैं।