देहरादून। प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायत क्षयरोग (टीबी) से मुक्त हो गई है। भारत सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के अंतर्गत प्रमाणित करते हुये इन सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया है। यह राज्य के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तथा योजनाओं के सटीक क्रियान्वयन के चलते प्राप्त की गई। अब प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य हासिल करना है जिसके लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश टीबी उन्मूलन की दिशा में अग्रसर है। दवा और हौंसलों के दम पर क्षयरोग को मात देने में सफलता मिल रही है। डॉ. रावत ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में टीबी मुक्त पंचायत अभियान वृहद स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसके सफल क्रियान्वयन के चलते भारत सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 3200 गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में राज्य द्वारा 1448 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के तहत सूचीबद्ध कर सत्यापन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। जिसके क्रम में केन्द्र सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायतों के लिये तय 6 मानकों पर खरा पाया। जिसमें अल्मोड़ा जनपद की 115, बागेश्वर 76, चमोली 115, चम्पावत 40, देहरादून, 187, हरिद्वार 18, नैनीताल 124, पौड़ी गढ़वाल 297, पिथौरागढ़ 124, रूद्रप्रयाग 44, टिहरी गढ़वाल 144, ऊधमसिंह नगर 117 तथा उत्तरकशी जनपद की 23 ग्राम पंचायतें शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि इन सभी टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे। जिसके लिये शीघ्र ही जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस संबंध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये जन सहभागिता अत्यंत आवश्यक है, इसके लिये आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डा. रावत ने बताया कि 24 मार्च, 2023 को ’विश्व टीबी रोग दिवस’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से ’टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान का शुभारम्भ किया था। जिसका उद्देश्य रोगियों की सहायतार्थ संबल प्रदान करना तथा पंचायत को टीबी मुक्त करना है। इस अभियान के तहत प्रदेश का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में टीबी उन्मूलन को लेकर राज्य सरकार खासी गंभीर है। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। यही वहज है कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष टीबी नोटिफिकेशन में सर्वाधिक 110 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। जबकि टीबी जांच दर में पिछले वर्ष की तुलना में प्रदेश में 45 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि 1424 ग्राम पंचायतों का टीबी मुक्त होना प्रदेश के लिये उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने व लोगों के बीच जनजागरूकता बढ़ाने में सहायक साबित होगी।