देहरादून। भाजपा ने कलकत्ता मे डाक्टर मर्डर केस में ममता सरकार की घेरते हुए, बंगाल में कानून का राज समाप्त होने का आरोप लगाया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रत्युष कांत ने प्रदेश मुख्यालय मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे सवाल किया कि इस नृशंश हत्या के आरोपियों और टीएमसी के बीच ऐसा क्या रिश्ता है जिसका विरोध करने की हिम्मत कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन भी नही कर पा रही है। उन्होंने प्रश्न किया कि महिलाओं के बैंक खातों में खटखट पैसे डालने के झूठे वादे करने वाले अब महिला अत्याचार पर खटाखट प्रतिक्रिया देने से क्यों बच रहे हैं और संविधान की कॉपी हाथ में लेकर घूमने वाले विपक्षी नेता इस तरह संविधान की हत्या पर मौन क्यों है?
उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इस पर सामने आए सच को सिर्फ राजनीतिक विषय के रूप में ना लिया जाए । बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं आपराधिक कृत्य है कि एक डॉक्टर बेटी के साथ अस्पताल के अंदर हुई इस जगह में अपराध को पुलिस द्वारा शुरुआत में सुसाइड बताने का प्रयास किया गया। उस पर भी यह बेहद शर्मनाक है कि वहां एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपराधियों को बचाने के प्रयास खुले आम किए गए। 7000 उपद्रवियों की भीड़ अस्पताल पर हमला कर सबूत मिटाने कोशिश करती है और ममता सरकार का प्रशासन हाथ पर हाथ धरे रहता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा वह कौन सा रिश्ता ममता सरकार और अपराधियों के बीच हमेशा रहता है। वहीं क्यों उनकी सरकार और प्रशासन महिला अपराधों के आरोपियों को बचाते हुए हमेशा नजर आती है। इससे पूर्व भी संदेशखाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वे आरोपियों को बचाने में लगे रहे । इस घटना में भी उनकी पुलिस द्वारा घटना स्थल, अस्पताल के प्रिंसिपल से पूछताछ तक नहीं की गई और अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही सीबीआई जांच प्रारंभ हुई है। ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जो स्पष्ट करती है कि पश्चिम बंगाल में अपराधियों के मन से कानून का डर खत्म हो गया है ओर वहां लॉ एंड आर्डर नाम की कोई चीज नहीं बची है।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के संरक्षण में गुंडे महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं। ममता के निर्मम शासन में बेटियां बलात्कार की भेंट चल रही है। वहां लोकतंत्र को कुचलकर जनता की आवाज दबाई जा रही है। ममता के संरक्षण में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार ममता की निर्ममता को दर्शाती है। ममता बनर्जी की तुष्टिकरण एवं कुछ राजनीति के कारण वहां महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान नहीं बचा है। टीएमसी के ममता राज में पश्चिम बंगाल में तालिबानी शासन आ चुका है। आज जो कुछ वहां हो रहा है इसके लिए ममता को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनकी तानाशाही में बंगाल को हिंसा और अपराधों की आग में झोंक दिया है।
इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी निशानी पर लेते हुए कहा कि यूं तो देश-विदेश में वे भारत की नीतियों एवं घटनाक्रम को लेकर आलोचना एवं बुराई करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। लेकिन इस दिल दहलाने वाली घटना को लेकर लगातार सवाल खड़े करने के बाद भी उन्हे 5 दिन ट्वीट करने में लगते हैं। वही लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी अब तक एक शब्द भी इस घटना को लेकर नहीं बोली है। यही हाल इंडी गठबंधन के सभी बड़े नेताओं का है। उन्होंने राहुल पर तंज किया कि जिस संविधान की कॉपी को वह साथ लेकर घूमते हैं कभी उन्होंने उसे पढ़ने या समझने की कोशिश भी की है। वहां संविधान की मूल भावना को तार तार किया जा रहा है और संविधान हाथ में लेकर घूमने वाला घमंडियां गठबंधन इन अत्याचारों पर चुप्पी साधे बैठा है ।
उन्होंने ममता बनर्जी और इंडी गठबंधन के नेताओं से ऐसी घटनाओं को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक और ममता पीड़ित परिवार से मिलने का ढोंग रचती है और दूसरी तरफ इतने संवेदनशील मामले को सीबीआई से नहीं सौंप रही थी। ऐसा क्यों होता है कि पश्चिम बंगाल में जब भी किसी महिला पर अत्याचार होता है तो उसके तार टीएमसी से क्यों जुड़ते हैं? बंगाल में हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले तथाकथित चौंपियन इंडी गठबंधन के नेता कहां है? महिलाओं के बैंक खातों में खटखट पैसे पहुंचाने के झूठे वादे करने वाले राहुल गांधी ने बंगाल में हो रहे महिला अत्याचारों पर खटखट प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? क्यों प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और अन्य सभी विपक्षी नेता अब तक इस मुद्दे पर मौन क्यों है?
इस दौरान पत्रकारों द्वारा उत्तराखंड को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सभी घटनाओं में प्रदेश सरकार एवं प्रशासन द्वारा एवं कठोरता से कार्यवाही की गई है। अब चूंकि यह सभी प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और हमें उम्मीद है कि देश को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
पत्रकार वार्ता में प्रवेश महामंत्री आदित्य कोठारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, राजेंद्र नेगी, प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल, विपिन कैंथोला, हनी पाठक, कमलेश रमन भी मौजूद रही।