जमीन धोखाधड़ी के वांछित ईनामी अभियुक्त को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया

देहरादून। जमीन धोखाधड़ी के मामले में वांछित चल रहा 5 हजार रू के ईनामी अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अभियुक्त को पुलिस द्वारा हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया है। अभियोग में अब तक 6 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। संगठित गिरोह के कई अभियुक्त अभी भी दून पुलिस के रडार पर हैं। उत्तर-प्रदेश व अन्य प्रदेशों में लगातार दबिश जारी है।
थाना राजपुर पर वादी राकेश बत्ता ने तहरीर दी कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) व राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड स्थित एक प्लॉट (677.25 वर्ग मी0 मौजा धौरण खास) में दिखाया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये थी और बताया कि यह अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति की है, जो उनका जानने वाला है तथा वे उससे बात करके उक्त प्लाट की रजिस्ट्री वादी के नाम पर करवा देंगे, उसके पश्चात उक्त तीनों व्यक्तियों ने वादी की अरशद क्य्यूम नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई। अभियुक्तगणो द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर वादी को धोखा देकर उससे एक इकरारनामा बनाया गया और अरशद कय्यूम के नाम पर 55 लाख रुपये खाते में तथा 25 लाख नकद लिए गये, जब वादी राकेश बत्ता उक्त प्लॉट में कब्जा लेने पहुंचा तो वहां पर अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मौजूद मिला, जिसके द्वारा अपनी प्रॉपर्टी के पेपर दिखाते हुए उक्त प्रॉपर्टी को अपना बताया। जिस पर वादी को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी हुई। तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी। साक्ष्यांे के आधार पर अभियुक्त गिरीश कोठियाल पुत्र स्वर्गीय चंद्रमणि निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कॉलोनी, देहरादून, उम्र 43 वर्ष, दिनेश अग्रवाल पुत्र जयराम अग्रवाल निवासी रेस कोर्स थाना कोतवाली, देहरादून, उम्र 67 वर्ष, राजीव कुमार पुत्र दाताराम निवासी ग्राम रावटी थाना हीमपुर जनपद बिजनौर, उत्तर प्रदेश, उम्र 52 वर्ष को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। अभियुक्तगणों से पूछताछ के आधार पर पुलिस द्वारा अभियुक्त प्रमोद कुमार पुत्र रतिराम (फर्जी अरशद  कय्यूम) को 19 जून को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के आधार पर प्रकाश में आये के अन्य अभियुक्तों 1- इनाम अहमद पुत्र स्व0 अय्यूव अहमद 2- मौ0 वसीम की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी, किन्तु दोनों अभियुक्त अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार फरार चल रहे थे, जिनके पुलिस द्वारा न्यायालय से गैर जमाननतीय वारण्ट प्राप्त किये गए थे। अभियुक्तों के लगातार फरार चलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 5000 रूपये का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयासों से पुलिस टीम द्वारा 27 अगस्त को अभियुक्त इनाम अहमद पुत्र स्व0 अय्यूव अहमद निवासी सिररोडा थाना भगवानपुर जिला हरिद्वार को जनपद हरिद्वार से उपरोक्त मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था, तथा ’आज दिनांक 02 सितंबर को सुरागरसी पतारसी करते हुये अभियोग में वांछित चल रहे एक और ईनामी अभियुक्त मौ0 वसीम को ग्राम सिरचंडी थाना भगवानपुर को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके साथी इनाम का देहरादून में दिनेश अग्रवाल (आर्किटेक्ट) के पास आना जाना था, ईनाम द्वारा उन्हें धोरणखास राजपुर में सड़क से लगी एक भूमि की जानकारी दी, जिस पर कई वर्षो से कोई काबिज नही था। उनके द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय से उक्त भूमि के मालिक की जानकारी सम्बंधी दस्तावेज निकाले गये, उक्त जमीन अरशद कय्यूम  निवासी- रेलवे रोड भदोही उत्तर प्रदेश के नाम पर दर्ज होना पाया गया, जिसके बाद अभियुक्त द्वारा इनाम के साथ मिलकर अपने गांव के ही शबाब अहमद तथा प्रमोद कुमार निवासी सहारनपुर के साथ मिलकर अभियुक्त प्रमोद कुमार का अरशद कय्यूम के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड भगवानपुर हरिद्वार से बनवाया तथा फर्जी अरशद कय्यूम का बैक खाता भगवानपुर बैक में खुलवाया गया।  जब प्रमोद कुमार का फर्जी आधार कार्ड , पैन कार्ड बन गया तो  उसके बाद अभियुक्त द्वारा अपने साथियों के साथ उक्त जमीन के लिये ग्राहक तलाश करने के लिए दिनेश अग्रवाल, राजीव कुमार तथा गिरीश कोठियाल को बताया, उक्त तीनो व्यक्तियों द्वारा उक्त जमीन को वादी राकेश बत्ता को दिखाया गया, वादी को जमीन पसन्द आने पर अभियुक्त, इनाम व अपने 01 अन्य साथी शबाब अहमद के साथ जमीन का सौदा करने के लिये प्रमोद कुमार (फर्जी अरशद कय्यूम ) को लेकर देहरादून आया। जहाँ अभियुक्तों द्वारा प्रमोद कुमार को फर्जी अरशद कय्यूम के रूप में वादी से मिलाया गया तथा जमीन के सौदे के एवज में मिली धनराशि को आपस में बांट लिया, सौदे की शेष धनराशि अभियुक्तों को जमीन की रजिस्ट्री के समय मिलनी थी, पर उससे पूर्व ही वादी को जमीन के फर्जी होने की जानकारी हो गई।