डोर टू डोर कूड़ा एकत्रिकरण कार्य में लगे कंपनी कर्मियों के बिल में की जाएगी कटौती, अर्थदंड लगाया

देहरादून। जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून के निर्देश के क्रम में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत डोर टू डोर कूड़ा एकत्रिकरण व्यवस्था के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मै० इकॉन वाटरग्रेस वेस्ट मैनेजमेन्ट सर्विस प्रा०लि० द्वारा आवंटित वार्डों में प्रतिशत ही रूट कवरेज करने की दशा में उनके मासिक बिल से रू0 24.956 (चौबीस हजार नौ सौ छप्पन रूपये) की कटौती की जायेगी। इसके अतिरिक्त में० सनलाईट वेस्ट मेनेजमेन्ट प्रा०लि० तथा मै० इकॉन वेस्ट मेनेजमेन्ट सॉल्यूशन्स प्रा०लि० पर के वाहनों की कार्य से अनुपस्थित/कार्मिकों के द्वारा वर्दी एवं आईकार्ड न पहनने पर क्रमशः रू0 1,450.00 तथा रु० 3,600.00 की अर्थदण्ड आरोपित किया गया।
उपरोक्त के अतिरिक्त क्षेत्रिय भ्रमण के दौरान मीडिया के माध्यम से संज्ञान में कि मै० इकॉन वेस्ट वाटरग्रेस मैनेजमेन्ट सर्विस प्रा०लि० के लोगांे लगे एक वाहन संख्या यूके-07सीबी-667 द्वारा कारगी क्षेत्र में नदी में बायोमेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है। इस क्रम में अनुबंधित फर्म को तत्काल तलब किया गया। उक्त फर्म द्वारा अवगत कराया गया कि वाहन उनके पास कार्य नहीं कर रहा है तथा वाहन पर उनके लोगो/नाम का अनाधिकृत रूप से दुरूपयोग किया गया है. जिस कारण मै० इकॉन वेस्ट वाटग्रेस मैनेजमेन्ट सर्विस प्रा०लि० द्वारा उक्त वाहन को जब्त कर उस पर कार्यवाही किए जाने हेतु थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी जा रही है।
नगर निगम क्षेत्रान्तंगत प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का भण्डारण/व्यापार/उपयोग करने वाले 103 लोगों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही करते हुए रू0 1,28,000 का अर्थदण्ड वसूला गया। नगर निगम की टीमों के माध्यम से समस्त वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा एकत्रिकरण व्यवस्था एवं जीवीपी स्थलो की दैनिक साफ सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया जा रहा है। डोर टू डोर कूड़ा एकत्रिकरण वाहनों द्वारा शत प्रतिशत रूट कवरेज ने करने/सभी वार्डों से कूड़ा एकत्रित ने करने की दशा में संबंधित फर्म के विरूद्ध चालानी कार्यवाही ही जा रही है। इसके अतिरिक्त किसी स्थान पर सिंगल यूज प्लाटिक का भण्डारण/व्यापार/उपयोग करने वालों के विरूद्ध भी चालानी कार्यवाही की जा रही है। सिंगल यूज प्लाटिक का भण्डारण/व्यापार/उपयोग करने वालों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही निरंतर रूप से की जायेगी तथा चालान के रूप में नियमानुसार अधिक से अधिक धनराशि का चालान काटा जायेगा।