अडानी प्रकरण मे कांग्रेस के आरोप मोदी की छवि और देश की अर्थ व्यवस्था के खिलाफ साजिशः महेंद्र भट्ट

देहरादून। भाजपा ने अडानी प्रकरण को लेकर कांग्रेस के आरोपों को पीएम मोदी की छवि और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया है। साथ ही मामले मे गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अमेरिकी कोर्ट को जवाब संबंधित कंपनी देगी, लेकिन कांग्रेस को बताना होगा इस रिपोर्ट में उनकी रिश्वतखोर सरकारें कांग्रेसी सहयोगी ही की क्यों हैं? क्यों कांग्रेस ने अपनी सरकारों में अड़ानी ग्रुप से हजारों करोड़ का निवेश कराया है?
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उद्योगपति अड़ानी पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे कांग्रेस नेतृत्व की देश विरोधी स्क्रिप्ट बताया। उन्होंने पलटवार कर कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार 2002 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के प्रयासों कर रहे हैं। जहां तक अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों का सवाल है, तो वह कंपनी स्वयं अपना कानूनी बचाव करेगी, लेकिन प्रधानमंत्री और केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ राहुल के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है और उनकी नफ़रत को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी की छवि खराब करने की कोशिश उनके मुख्यमंत्रीकाल से की जा रही है।
गौर करने वाली बात है कि जो रिपोर्ट अमेरिका की फेडरल कोर्ट में पेश की गई है उसमें जिन 4 राज्यों की 2021-22 में रिश्वत देने का जिक्र किया गया है, वे कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टी की सरकारें हैं। उनमे छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार, आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार, तमिलनाडु की डीएमके सरकार, और उड़ीसा की बीजेडी सरकार हैं। कांग्रेस नेतृत्व को आरोप लगाने के बजाय शर्मिंदा होना चाहिए और तत्कालीन मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले कई राज्यों में अडानी ग्रुप के निवेश का हवाला देते हुए कहा कि अड़ानी ग्रुप ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान 25 हजार करोड़ रुपये और 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं डीएमके शासित तमिलनाडु में 45 हजार करोड़ रुपये, हाल ही में कौशल विकास फाउंडेशन के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को 100 करोड़ रुपये का दान भी दिया । उन्होंने निशाना साधा कि अगर अडानी इतने ही भ्रष्ट हैं, तो कांग्रेस सरकारें उनकी कंपनी को निवेश क्यों करने दे रही हैं।
दरअसल सच्चाई यह है कि कांग्रेस मोदी के प्रधानमंत्री रहते भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। अब जब भारत तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की राह पर है तो यह सब रोड़ा अटकाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार बार तरह तरह के आरोप लगाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी ऐसी कोशिशों का परिणाम है कि शेयर बाजार में गिरावट के कारण आम निवेशकों का लाखों करोड़ डूब गया है। उन्होंने राहुल और कांग्रेस नेताओं की कानूनी पहलुओं पर नासमझी का तंज कसते हुए कहा कि इससे पूर्व राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार और कोविड टीकों के मुद्दे को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा गया था। ये लोग किसी मुद्दे से जुड़े कानूनी और तकनीकी पहलुओं को नहीं समझते हैं और सिर्फ राजनैतिक लाभ के लिए मोदी विरोध की नीति पर अमल करते हैं, चाहिए देश का विरोध क्यों न हो जाए।