देहरादून। आयोग द्वारा मुस्लिम बस्ती में संचालित मॉडर्न मदरसा/विद्यालय की शिकायत पर सुनवाई हुई। शिकायत में बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी, क्योंकि विद्यालय के पास आवश्यक मानकों की पूर्ति न होने के कारण किसी भी प्रकार की मान्यता प्राप्त नहीं है। इस कारण, वहां अध्ययनरत बच्चों को आगे के विद्यालयों में प्रवेश लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आयोग की अध्यक्ष, डॉ. गीता खन्ना ने विद्यालय के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे जल्द-से-जल्द आवश्यक मानकों को पूरा कर विद्यालय को मान्यता प्राप्त कराएं। जब तक विद्यालय को मान्यता प्राप्त नहीं होती, तब तक ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर द्वारा बच्चों को अन्य मान्यता प्राप्त विद्यालयों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया में सहायता प्रदान की जाए।
इसके अतिरिक्त,आयोग की प्राप्त शिकायतों के क्रम में हिल्टन विद्यालय में बच्ची को बंधक बनाकर रखने का मामला प्रकाश में आया था जिस हेतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था लेकिन हिल्टन स्कूल के प्रतिनिधि सुनवाई में अनुपस्थित रहे। उनकी यह अनुपस्थिति बार-बार देखी जा रही है, जिससे आयोग ने गहरी आपत्ति जताई है। भविष्य में यदि वे आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके प्रबंधकों को पुलिस के माध्यम से समन भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपनी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करें। साथ ही, राजा राम रॉय विद्यालय के संदर्भ में भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें फीस वृद्धि और आरटीई अधिनियम के विपरीत फीस वसूली के आरोप शामिल हैं। आयोग ने शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे विद्यालय में आधारभूत सुविधाओं की कमी और फीस वृद्धि की जांच के लिए एक संयुक्त निरीक्षण करें और अतिशीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आयोग ने कंपोजिट फीस जैसे अवैध प्रावधानों को लेकर विद्यालय प्रशासन के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की है। यदि विद्यालय द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो उनके संचालन की एनओसी रद्द करने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। आयोग बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है और इस प्रकार की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करता रहेगा।