देहरादून। स्वरोजगार के अवसर बढ़ाकर किसानों की आय में बढ़ोतरी करके पलायन जैसी समस्याओं को रोकने में कारगर सिद्ध होंगे ये अभिनव प्रयास पर्वतीय क्षेत्र में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार नीतिगत और संस्थागत दोनों तरह से लगातार प्रयास कर रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि बारहनाजा मिलेट्स उत्पादन उत्तराखंड की मौलिक पहचान रही है। इसी को देखते हुए सरकार ने मंडुवा, कौणी, झंगोरा जैसे मिलेट्स को पुनः आधुनिक और वैज्ञानिक तौर-तरीकों से उत्पादित करने के लिए उत्तराखंड मिलेट्स पॉलिसी 2025-26 लाई है। जो 11 पर्वतीय जनपदों में लागू होगी।
मंत्री ने कहा कि इसी तरह से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को फल-पट्टी के रूप में डेवलप करने के लिए कीवी और ड्रैगन फ्रूट्स जैसे आधुनिक फलों के उत्पादन तथा सेब के उत्पादन को विस्तारित करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इसी के चलते सरकार ने उत्तराखंड कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट्स खेती योजना, मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना और सेब की तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना लाई है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से पहाड़ में लोगों को स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार मिलेगा जो पलायन जैसी समस्या की रोकथाम में भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहायक सिद्ध होगा।