अब पॉल्यूशन की वास्तविक स्थिति जानेगी पर्यावरण एक्सप्रेस

देहरादून। पर्यावरणीय चेतना के लिए लगातार सक्रिय देहरादून स्थिति सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने इस दिशा में बुधवार को एक और छलांग लगाई।                                       विभिन्न पर्यावरणीय पहलु जैसे एयर पॉल्यूशन का रियल टाइम डाटा उपलब्ध करवाने के लिए फाउंडेशन की ओर से पर्यावरण एक्सप्रेस लॉन्च की गई। कौलागढ़ स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉयल एंड वाटर कंजर्वेशन परिसर में संस्था के निदेशक डॉ. एम. मधु और अन्य लोगों ने हरी झंडी दिखाकर पर्यावरण एक्सप्रेस को लॉन्च किया। माना जा रहा है कि यह उत्तराखंड में अपनी तरह की पहली पर्यावरण एक्सप्रेस है।
पर्यावरण एक्सप्रेस खास तौर से डिजाइन की गई है। इसमें पीएम 2.5, पीएम-10, एक्यूआई सहित विभिन्न गैसों का मेजरमेंट करने के साथ ही वाटर टेस्टिंग और साउंड पॉल्यूशन को चेक करने की भी व्यवस्था है। पर्यावरण एक्सप्रेस जिस स्थान पर मौजूद है, वहां हवा में मौजूद विभिन्न हानिकारक गैसों का मेजरमेंट करेगी और लाइव डिस्प्ले होगा। आने वाले दिनों में इसमें साइल टेस्टिंग और बरसात को मापने वाले उपकरण भी लगाए जायेंगे। मेजरमेंट के नतीजे पर्यावनरण एक्सप्रेस में लगी बड़ी स्क्रीन पर लाइव देखे जा सकते हैं। वाटर पॉलुशन मेजरमेंट के लिए भी इसमें किट उपलब्ध है। पर्यावरण एक्सप्रेस की बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें सोलर पैनल लगाया गया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉइल एंड वाटर कंजर्वेशन के सभा कक्ष में पर्यावरण एक्सप्रेस की लॉन्चिंग से पहले एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्था के निदेशक डॉ. एम. मधु ने इस मौके पर कहा कि हम सब चाहते हैं कि पर्यावरण को बचाना चाहिए, लेकिन इसके लिए हम क्या कर रहे हैं, यह ज्यादा जरूरी है। हम अपने घरों में बिजली और पानी की बर्बादी रोककर पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत कर सकते हैं। उन्होंने पर्यावरण के प्रति स्वभाव में बदलाव लाने की जरूरत बताई।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉयल एंड वाटर कंजर्वेशन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एम. मुर्गानन्दन ने कहा कि हमें तेजी से विकास भी चाहिए, लेकिन पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है, ऐसे में हमें ऐसे विकास की ओर बढ़ना होगा, जिसमें पर्यावरण का कम से कम नुकसान हो। सीएसआईआर आईआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमंत कुलकर्णी ने पर्यावरण एक्सप्रेस को वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के कारणों को जाने बिना प्रदूषण का निवारण संभव नहीं है।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य अधिकारी सतीश त्रिपाठी ने पर्यावरण चेतना के लिए उनके विभाग की ओर से हर संभव सहयोग की पेशकश की। उनका कहना था कि पर्यावरण के बिना जीवन संभव नहीं है, इसलिए इसकी सुरक्षा सभी का कर्तव्य है। विद्यालयी शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक पद्मेन्द्र सकलानी ने कहा कि हमारी पीढ़ी आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण देने में विफल रही है। कार्यक्रम में मौजूद स्कूली बच्चों से उन्होंने कहा कि वे हमारी पीढ़ी की तरह गलती न करें और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक नीरज शर्मा ने कहा कि प्रदूषण का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इससे बचने का एक ही रास्ता है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और उनका संरक्षण करें। उन्होंने नदियों को गंदा न करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
पर्यावरण एक्सप्रेस में सहयोग करने वाली ईका कंपनी के प्रबंध निदेशक राहुल सिंघल ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रदूषण के कारण तीन महीने ऐसे होते हैं, जब लोग घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चों के स्कूल तक बंद करने पड़ते हैं। यदि पर्यावरण की सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो हर जगह यह स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने इस काम के लिए दूसरे लोगों को भी प्रोत्साहित करने की अपील की।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने कहा कि पर्यावरण एक्सप्रेस का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को पर्यावरण के बारे में वैज्ञानिक और तथ्यपरक जानकारी देना है। यह भी प्रयास रहेगा कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जिज्ञासा पैदा हो, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा जानकारियां हासिल करके अपनी सोच में बदलाव ला सकें। उन्होंने इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित किए जाने की उम्मीद जताई।
कार्यक्रम का संचालन एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल ने किया। इस मौके पर जिला पंचायत से वीरेंद्र गुसाईं,  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निहारिका डिमरी, रचना नौटियाल और तारिणी, कैंट बोर्ड से राकेश कुमार और अमित चैहान, ऋषभ श्रीवास्तव, प्यारे लाल, प्रवीण उप्रेती, अभिषेक भट्ट, सुनीत वर्मा, बिट्टू, सुभाष आदि के साथ ही देहरादून के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।