देहरादून, नीरज कोहली। शुक्रवार को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की 107वीं बोर्ड बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में सर्वप्रथम नवनियुक्त अध्यक्ष, सचिव मुख्यमंत्री एवं कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडेय का उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने स्वागत करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बोर्ड बैठक में कुल 64 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिन पर बोर्ड द्वारा विचार-विमर्श किया गया। बोर्ड बैठक में मुख्यतःविभिन्न प्रकरणों को मंजूरी प्रदान की गई। बोर्ड बैठक का संचालन प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपर सचिव आवास अतर सिंह, अपर जिलाधिकारी रामजी शरण, संयुक्त सचिव रजा अब्बास, मुख्य नगर नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता हरीश चंद्र राणा, नगर निगम के उपनगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, जल निगम के अधीक्षण अभियंता दीपक नौटियाल, अधिशासी अभियंता सुनील कुमार, सुधीर कुमार गुप्ता, अतुल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
1-इको-रिसोर्ट निर्माण को प्रदान की गई स्वीकृति। दूर-दराज के क्षेत्रों में कृषि भूमि पर इको-रिसोर्ट के निर्माण को तय शर्तों के साथ अनुमति देने का निर्णय लिया गया।
2-मोबाइल टॉवर से सम्बंधित शासनादेश को किया गया अंगीकृत। इस हेतु अब सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। मोबाइल टॉवर से संबंधित मानचित्र पास कराने हेतु आईटीडीए में करना होगा आवेदन। आईटीडीए के माध्यम से एमडीडीए को प्राप्त होंगे नक्शे। सात दिन में प्राधिकरण को देनी होगी रिपोर्ट। सात दिन में रिपोर्ट नहीं लगने की स्थिति में मानचित्र को स्वत पास मान लिया जाएगा।
3-बहुप्रतीक्षित फसाड नीति को कुछ शर्तों के साथ प्रदान की गई मंजूरी। इस हेतु बोर्ड के समक्ष द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्टस के द्वारा भी दिया गया प्रस्तुतिकरण। केवल मुख्य मार्गों पर ही फसाड का कार्य किया जा सकेगा। प्राधिकरण द्वारा इसके लिए वास्तुकला, कलाकृति एवं शिल्प के समावेश से सम्बंधित डिज़ाइन भी किये गए हैं मंजूर। भवन में भूतल से लेकर ऊपरी तलों तक करना होगा फसाड कार्य।
4-मानचित्रों में सड़क की चौड़ाई को लेकर नियमानुसार प्रदान की गई शिथिलता। इसमें 25 प्रतिशत तक कि छूट को प्राधिकरण द्वारा अनुमन्य किया गया। इससे अधिक की छूट हेतु नीनकं एवं शासन को किया गया संदर्भित।
5-आईएसबीटी देहरादून का संचालन एवं रखरखाव अब प्राधिकरण ही करेगा। पूर्व तक रेमकी कंपनी करती थी संचालन। इससे बोर्ड को अवगत कराने के साथ ही स्वीकृति ली गई।
6-बैठक में 50 से अधिक मानचित्र भी किये गए स्वीकृत