देहरादून। पत्रकार मनमीत रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने पर आक्रोशित पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया। डीजीपी ने आश्वासन दिया कि मुकदमें को समाप्त कर दिया जायेगा।
गुरूवार को यहां पत्रकारों का एक प्रतिनिधि मंडल उत्तराखण्ड पत्रकार यूनियन के बैनर तले पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से उनके कार्यालय में मिले। उन्होंने कहा कि पत्रकार यूनियन के कोषाध्यक्ष व पत्रकार मनमीत रावत उत्तरकाशी कोतवाली में धारा 155 और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यूनियन पुलिस के इस कार्य की भर्त्सना करती है। जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है वह सम्बन्धित धारायें उस व्यक्ति पर लगायी जाती है जिसने धार्मिक भावनायें आहात की हों। एफआईआर में बताया गया है कि मनमीत ने चारधाम के सम्बन्ध में और खासकर यमनोत्री में फैली अव्यवस्थाओं पर भ्रामक ग्राउंड रिपोर्ट चारधामः 45 किलोमीटर का जाम, लोग 25 घंटे से फंसे दर्शन के इंतजार में दस की मौत की है। इन प्रकाशित समाचारों में मुख्य रूप से दस लोगों की मौत पर सवाल उठाये गये हैं। जबकि उसी दिन गढवाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने एक पत्रकार वार्ता में पत्रकारो के सवालों का जवाब देते हुए जानकारी दी कि चारधाम मं मौंते दस नहीं, बल्कि 11 हुई हैं। ऐसे में यह आश्चर्य का विषय है कि जब सरकार खुद ही मान रही है कि मौंतो का आंकडा दस से ज्यादा है तो फिर पत्रकार ने भ्रामक खबर कैसे लिख दी। उन्होंने डीजीपी से मनमीत रावत पर किये गये झूठे मुकदमें को वापस लेने की मांग की। डीजीपी अभिनव कुमार ने उनको आश्वासन दिया कि इस मामले में किसी भी प्रकार का पत्रकार का उत्पीडन नहीं किया जायेगा तथा मुकदमें को भी समाप्त किया जायेगा। प्रतिनिधि मंडल में भूपेन्द्र कण्डारी, नवीन थलेडी, रश्मि खत्री, देवेन्द्र नेगी, संतोष चमोली आदि लोग शामिल थे।