विरासत महोत्सव में कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में चल रहे विरासत महोत्सव में कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। शुक्रवार को चौथे दिन विरासत सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।् इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री टम्टा ने कहा कि देश-विदेश में विरासत लोकप्रिय है। इस विरासत में देश विदेश से अनेक सांस्कृतिक हस्तियां आती है और इस विरासत को आगे बढ़ाती हैं।् टम्टा ने कहा कि कलाकारों को ईश्वर स्वयं कलाकार बनाता है और यह कलाकार हम सभी के बीच आकर अपना शानदार प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने ओएनजीसी का भी आभार व्यक्त किया कि वह हमेशा विरासत कार्यक्रम को समय-समय पर शक्ति प्रदान करता रहता है प् उन्होंने यह भी कहा कि विरासत सभी के सहयोग से आगे बढ़े, यही मेकामना है प् उत्तराखंड की लोक कला संस्कृति की आज की झलक देखने के लिए विरासत संध्या में दर्शकों एवं श्रोताओं में खासी बेचौनी देखी गई प् कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद रुचिरा केदार ने अपनी प्रस्तुति देनी प्रारंभ की तो श्रोतागण मगन मुग्ध हो उठे प् सांस्कृतिक संध्या के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित रीच संस्था के सचिव आरके सिंह ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा का स्वागत किया प् टम्टा ने ब्रह्म कमल संस्था के कलाकारों द्वारा दी गई गढ़वाली, कुमाऊनी गीतों की शानदार प्रस्तुतियों के लिए कलाकारों राजीव चौहान, रवींद्र व्यास, मनोज सावंत, सुमेंद्र कोहली, प्रदीप असवाल, गोविंद शरण, करण, नीला शाह, मनदीप नेगी, आशीष गोसाई, अंजू बिष्ट, सोनम, रश्मि बनवाल, मीनाक्षी रावत, पूनम सिंह, सुनीता नेगी, देविका राणा को सम्मानित किया।
इसी श्रृंखला में सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति के अंतर्गत आज गोवा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध गोवा के बहुभाषी गायक, संगीतकार, संगीत निर्देशक द्वारा अपनी शानदार प्रस्तुति दी गई प् एल्विस गोज़ म्यूज़िक एन्सेम्बल जिसका नेतृत्व क्रेउत्ज़र स्विलन गोज़ ने किया वास्तव में बैंड की रीढ़ हैं, और बैंड के संगीत निर्देशक भी हैं, इस सुर संगम की संध्या में उनके साथ ड्रम पर युवा और प्रतिभाशाली एशले रेबेलो, बास/रिदम गिटार पर बेंजामिन बैपटिस्टा, कीबोर्ड पर मारियो मोराइस,कीबोर्ड/बास गिटार पर क्रेउत्जर स्विलन गोज, गोवा के पर्क्यूशन इंस्ट्रूमेंट घुमॉट/वायलिन पर क्रेस्लर मोजार्ट गोज और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बहुभाषी गोवा गायक एल्विस गोज, बैंड के नेता, गायक जॉयरस और सेमोरा के साथ रहे प् अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित गोवा संगीत और नृत्य समूह के कलाकार ग्लोरियो गोज, सुलिनेट गोज, सुमीना डीश्कोस्टा, सुदेओना परेरा, जेर्सन डोराडो, सुविल्मा लोपेज, सुएस्ट्रिड कोलाको, सुअश्विनी शिरसाट, मिस एरीटा कार्डाेजो मैं अपना जलवा सुर, संगम, ताल के साथ बिखेरा। आज चौथे दिन की संध्या में भुर्गियापोनैलो मोग एल्विस गोज़ द्वारा मूल प्रेम गीत की हृदय को छू लेने वाली प्रस्तुति दी गई प् नर्तक में जेरसन डोराडो और सुदेवना परेरा का जलवा रहा प् इसके अलावा लोक कला संस्कृतियों के कद्र दान एवं प्रेमियों ने गोवा की सांस्कृतिक झलक पर अपनी अमित छाप छोड़ दी प् एल्विस गोज़ द्वारा गोवा की लोक धुनों को शामिल करते हुए श्केपेमचिम किरनमश् और श्गुरु कला मंडलश् के साथ एल्विस गोज़ संगीत समूह द्वारा फ्यूजन संगीत को भी बखूबी सराहा गया प् नृत्य की दुनिया में आनंद का लुत्फ़ लेने वाले भी आज अपना दिल थाम कर बैठे हुए थे प् नृत्य की इस शानदार श्रृंखला के अंतर्गत महेश गौडे के नेतृत्व में गुरु कला मंडल द्वारा समय नृत्य, केपेमचिम किरनम द्वारा देखनी नाच सभी श्रोताओं एवं दर्शकों की पसंद बना प् नर्तक में ग्लोरियो गोज़ तार्या मामा (नाव वाला) सुएस्ट्रिड कोलाका,सुदेवना परेरा,सुग्रेसी विल्मा रोड्रिग्स,सुएरेटा कार्डाेज़ो,
अश्विनी शिरसाट की आकर्षक प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लियाप् प्रसिद्ध गायक एल्विस गोज़,सुलिनेट गोज़,सुमीना डीश्कोस्टा, क्रेस्लर गोज़ की प्रस्तुति ने तो वाहवाही के साथ तालियां भी जमकर बटोप् संगीतकार की दुनिया का जादू की खूब है इस जादू को देखने व सुनने के लिए दर्शन एवं श्रोता काफी बेताब दिखाई दिए और संगीत संध्या क्रेउत्ज़र स्विलन गोज़ द्वारा शुरू होते ही सभी झूम उठे इस प्रस्तुति के दौरान मारियो केविन मोराइस- कीबोर्ड, क्रेस्लर मोजार्ट गोज़- घुमोट,एशले रेबेलो-ड्रम बेंजामिन, बैप्टिस्टा- बास गिटार पर रहे प् संस्कृति संध्या की अगली स्थिति उत्तराखंड के लोकप्रिय कुमाऊनी कलाकारों द्वारा दिया गया। ब्रह्मकमल संस्कृति कला संगम 20 कलाकारों का एक समूह है, जिसका नेतृत्व राजीव चौहान ने किया। प्रदीप असवाल ढोलक, जबकि सुरेन्द्र कोहली कीबोर्ड पर और गोविंद शरण ऑक्टोपैड पर संगत दी। प्रदर्शन के लिए मुख्य पुरुष गायक रविन्द्र व्यास और मनोज सावंत रहे, जबकि मुख्य महिला गायक अंजू बिष्ट और सोनम सुरवंदिता रही। समूह लोक संगीत और कुमाऊंनी लोक नृत्य का एक जीवंत प्रदर्शन प्रस्तुत किया। वे अपने प्रदर्शन की शुरुआत जीवंत कुमाऊंनी छपेली से की और पारंपरिक कुमाऊंनी मैथली गीतों के साथ समापन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की तीसप्रस्तुति में रुचिरा केदार ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया। रुचिरा केदार ने राग मारू बिहाग में विलाम्बित ख्याल के साथ सिया ओ ना जाओ प्रस्तुत करते हुए प्रदर्शन की शुरुआत की। इस गायन में रुचिरा केदार के साथ हारमोनियम पर परोमिता मुखर्जी, तबले पर मिथिलेश झा और तानपुरा पर सृष्टि और ऋषिका ने संगत दी। इटली के राष्ट्रपति से ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इटेलियन सॉलिडरिटी से सम्मानित हो चुकी हैं पदमडॉ इलियाना सिटारिस्टी प्रसिद्ध नृत्यांगना इलियाना के आकर्षक नृत्य को देखकर विरासत में बैठे श्रोतागण एवं दर्शक काफी देर तक झूमते रह गए प् जन्म से इतालवी पद्मडॉ. इलियाना सिटारिस्टी ने मनोविश्लेषण और पूर्वी पौराणिक कथाओं पर थीसिस के साथ दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। यूरोप में पारंपरिक और प्रयोगात्मक थिएटर में वर्षों के अनुभव के बाद वह भारतीय नृत्य में आई हैं। इलियाना भारत के उड़ीसा में रह रही हैं, जहाँ वह लोगों, उनकी भाषा और संस्कृति के साथ घनिष्ठ संपर्क में हैं। ओडिसी नृत्य शैली में उनके गुरु प्रसिद्ध गुरु, पद्म विभूषण केलुचरण महापात्रा हैं। वह मयूरभंजी के छऊ नृत्य की विभिन्न मार्शल मुद्राओं में भी समान रूप से पारंगत हैं, जिसे उन्होंने गुरु हरि नायक के मार्गदर्शन में सीखा है,उड़ीसा के भुवनेश्वर के संगीत महाविद्यालय से आचार्य की उपाधि प्राप्त की है। भारत के सभी प्रमुख केंद्रों में दिए गए अनेक प्रदर्शनों और व्याख्यान-प्रदर्शनों के अलावा, उनके योगदान में भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित उड़िया संस्कृति पर लेख, ओडिसी और छऊ नृत्यों पर फिल्म वृत्तचित्रों के लिए शोध कार्य और नर्तकों और रंग मंच कर्मियों के लिए व्यावहारिक नृत्य कार्यशालाएँ शामिल हैं, जिन्हें वे भारत और विदेशों में विभिन्न संस्थाओं के निमंत्रण पर नियमित रूप सेआयोजित करती हैं। उन्होंने भारत के सभी प्रमुख नृत्य समारोहों के साथ-साथ कई सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विदेशी देशों में भी प्रदर्शन किए हैं। इलियाना दूरदर्शन की टॉप-ग्रेड कलाकार हैं और आईसीसीआर में श्उत्कृष्ट कलाकारश् के रूप में सूचीबद्ध हैं। उन्हें इटली में नृत्य कला के लिए प्रतिष्ठित उपाधि लियोनाइड मैसिन, सुर सिंगार संसद द्वारा रसेश्वर पुरस्कार, अपर्णा सेन द्वारा निर्देशित बंगाली फिल्म युगांत में उनके नृत्य निर्देशन के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय पुरस्कार, इटली के राष्ट्रपति से ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इटैलियन सॉलिडेरिटी और इटली में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित पुरस्कार द गोल्डन नटक्रैकर से सम्मानित किया गया है। अकादमिक साइट पर उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के तत्वावधान में उड़ीसा की मार्शल आर्ट पर एक शोध किया है।केलुचरण महापात्र के जीवन पर एक किताब लिखने के लिए उन्हें भारत सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा एक वरिष्ठ फैलोशिप प्रदान की गई है। उन्होंने ओडिशा में पारंपरिक मार्शल प्रथाएँ मेयात्रा, दो जन्मों की कहानी, ओडिसी नृत्य में योगदान भी लिखी हैं। आर्ट विजन के माध्यम से इलियाना ने कई महोत्सवों का आयोजन किया है, जो अवधारणा में अद्वितीय हैं जैसे प्रदर्शन और दृश्य कलाओं पर फिल्मों का महोत्सव, कलिंग महोत्सव, मार्शल डांस का महोत्सव शामिल है।