देहरादून। बसन्त बिहार क्षेत्र में हुये बुजुर्ग व्यक्ति के ब्लाइण्ड मर्डर केस का दून पुलिस ने खुलासा किया है। घटना में शामिल दो अभियुक्तों को पुलिस ने बसन्त बिहार क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी किराये पर कमरा देखने के लिये पहले बुजुर्ग व्यक्ति के घर गये थे, जहां उन्हें बुजुर्ग के घर पर अकेले रहने की जानकारी हुई। आरोपी बुजुर्ग को डराकर उनसे पैसा लेने के मंसूबे से घर में घुसे थे। बुजुर्ग व्यक्ति के पास पैसा न मिलने तथा पहचाने जाने के डर से उन्होंने घटना को अंजाम दिया। घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी देहरादून द्वारा 25000 के पुरुस्कार से पुरुस्कृत करने की घोषणा की।
9 दिसंबर को थाना बंसन्त बिहार को सूचना प्राप्त हुयी कि अलकनन्दा एनक्लेव में स्थित एक घर से एक बुजुर्ग व्यक्ति के चिल्लाने की आवाज आ रही है उक्त सूचना पर थाना बंसन्त बिहार से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुँचा मौके पर अलकनन्दा एनक्लेव में स्थित एक घर में एक बुजुर्ग व्यक्ति घायल अवस्था में पड़े थे जिनके पेट व गले पर गहरे घाव के निशान थे। पुलिस कर्मियों द्वारा घायल व्यक्ति को तत्काल उपचार हेतु इन्द्रेश अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक व्यक्ति की पहचान अशोक कुमार गर्ग निवासी अलकनन्दा एनक्लेव जीएमएस रोड़ देहरादून उम्र-75 वर्ष के रूप में हुयी। घटना की सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। मौके पर आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ में बुजुर्ग व्यक्ति के चिल्लाने के साथ साथ कुछ व्यक्तियों द्वारा उनसे पासवर्ड पूछे जाने की बात भी सामने आयी परन्तु घटना स्थल पर जबरन प्रवेश तथा लूटपाट का कोई भी प्रयास किया जाना परिलक्षित नहीं हुआ तथा रात्रि का वक्त होने तथा घर में कोई सीसीटीवी कैमरा न लगा होने के कारण भी पुलिस को घटना के सम्बन्ध में कोई खास जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी। घटना के सम्बन्ध में मृतक के भाई आदेश कुमार गर्ग पुत्र स्व0 वृजभूषण गर्ग निवासी गुजरावाड़ा म0न0 402 नियर आई अस्पताल ठाकुर द्वारा थाना देवबन्द सहारनपुर उ0प्र0 द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना बसंन्त बिहार में मु0अ0सं0-239/24, धारा-103 (1) बीएनएस का अभियोग पंजीकृत किया गया। घटना के अनावरण हेतु एसएसपी देहरादून द्वारा आठ अलग-अलग टीमों गठित की गयी गठित टीमों द्वारा घटना स्थल व आसपास के क्षेत्र में आने जाने वाले मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का अवलोकन करते हुये सर्विलान्स के माध्यम से भी घटना के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन से घटना के बाद 02 संदिग्ध व्यक्ति घटना स्थल से पीछे सतोवाली घाटी से गांधी ग्राम तथा जीएमएस रोड़ पर जाते हुये दिखाई दिये परन्तु रात्रि का समय होने के कारण किसी भी फुटेज में अभियुक्तों का हुलिया स्पष्ट नहीं दिखाई दिया, फुटेजों से मात्र अभियुक्तों द्वारा घटना के समय पहने हुये कपड़ों की पहचान हो सकी।
जीएमएस रोड़ पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चौक करने पर दोनों अभियुक्त वहां से एक लाल रंग के ई रिक्शा में बैठकर मिलन बिहार कट तक जाते हुये दिखे, जहां मिलन बिहार कट के पास अभियुक्त उक्त ई रिक्शा से उतरे। पुलिस द्वारा मिलन बिहार कट के आस- पास दो से तीन किलोमीटर के दायरे में लगे लगभग 100-150 सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया, पर दोनों अभियुक्त किसी भी कैमरें में बाहर की ओर जाते हुये नहीं दिखे तथा रात्रि का वक्त होने के कारण ई रिक्शा तथा अभियुक्तों के सम्बन्ध में पुलिस टीम को कोई खास जानकारी प्राप्त नही हो पायी। जिस पर एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर लाल रंग के ई रिक्शा की तलाश हेतु दो अलग अलग टीमों का गठन किया गया गठित टीमों द्वारा जीएमएस रोड़ आईएसबीटी व उसके आस पास वाले मार्गों पर चलने वाले लगभग 400-500 लाल रंग के ई रिक्शा चालकों का सत्यापन कर आवश्यक पूछताछ की गयी, पूछताछ के दौरान एक ई रिक्शा चालक द्वारा बताया गया कि घटना की रात्रि उसके द्वारा दो व्यक्तियों को जीएमएस रोड़ से मिलन बिहार कट तक छोड़ा गया था तथा यह बात उसे इसलिये याद है क्योकि उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा उसे निर्धारित किराया न देकर केवल पांच रूपये दिये गये थे। इस दौरान अन्दर गली में एक स्कूटी भी खड़ी थी पर उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि उक्त स्कूटी उन व्यक्तियों की थी अथवा नहीं। जिस पर पुलिस टीम द्वारा मिलन बिहार कट के आस पास के मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में संदिग्ध दो पहिया वाहन स्कूटी की तलाश की गयी, इस दौरान पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों के हुलिये से मिलते जुलते 03-04 स्कूटी सवार व्यक्तियों की फुटेज प्राप्त हुयी। सीसीटीवी फुटेज में स्कूटी का नम्बर स्पष्ट न होने तथा स्कूटी के स्थानीय नम्बर यू0के0 07 सिरीज के होने पर एसएसपी देहरादून द्वारा स्कूटी के मॉडल की जानकारी करने हेतु पुलिस टीम को शो- रूम्स में जाकर उक्त सिरीज, मॉडल तथा रंग की गाड़ियों की संख्या के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिये गये। पुलिस टीम को वाहन शो रूम से लगभग 125 स्कूटियों के उक्त सिरीज में पंजीकृत होने की जानकारी मिली, जिस पर उक्त सभी संदिग्द स्कूटी नम्बरों की जानकारी लेते हुये टीम द्वारा उनके सत्यापन की कार्यवाही की गयी तो घटना के समय उनमें से एक वाहन स्वामी की लोकेशन घटना स्थल व उसके आस पास के क्षेत्र में होने की पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुयी जिस पर उक्त स्कूटी को संदिग्ध मानकर टीम द्वारा उक्त एरिया में सर्च अभियान चलाया गया तो संदिग्ध स्कूटी इन्द्रानगर क्षेत्र में मॉउण्ट फोर्ड एकेडमी के पास एक पार्क में खड़ी दिखाई दी जिसके आसपास काफी संख्या में आवासीय फ्लैट बने हुये थे।
देर रात्रि एसएसपी देहरादून तथा एसपी सिटी द्वारा नगर क्षेत्र के समस्त थाना प्रभारियों को घण्टाघर पर बुलाकर उक्त क्षेत्र की मैपिंग करते हुये अलग अलग टीमों का गठन कर उन्हें बाहर निकलने के सभी रास्तों, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने का टास्क दिये गये, साथ ही स्थानीय मुखबिर के माध्यम से उक्त फ्लैटों में किराये पर रह रहे युवाओं के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी। पूरे इलाके की मैपिग तथा जानकारियाँ एकत्रित करने के उपरान्त अलग अलग टीमों द्वारा उक्त आवासीय कॉलोनी में स्थित फ्लैटों में आकस्मिक रूप से चौकिंग अभियान चलाते हुये कॉलोनी के एक फ्लैट से संदिग्धों के हुलिये से मिलते जुलते दो युवको नवीन कुमार चौधरी तथा अनन्त जैन को हिरासत में लिया गया, जिनकी तलाशी में पुलिस टीम को अभियुक्तों के पास से मृतक का पर्स, 1500 रूपये नगद, मृतक का एटीएम कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद हुये। दोनों अभियुक्तों से सख्ती से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बसंन्त बिहार क्षेत्र में बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या करना तथा पुलिस को गुमराह करने के लिये हत्या के समय पहने कपड़ों तथा घटना में प्रयुक्त पेपर कटर को अनयत्र स्थान पर एक सूखे नाले में फेंकना बताया गया। दोनों अभियुक्तों को पुलिस द्वारा माउण्ट फोर्ट एकेडमी के पास से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में अभियुक्त नवीन कुमार द्वारा बताया गया कि वह पेस्ट कन्ट्रोल का कार्य करता है। उसकी पत्नी गर्भवती है, जिस कारण वह भू तल पर किराये का कमरा ढ़ूंढ रहा था। इस सम्बन्ध में उसके द्वारा अपने दोस्त अनन्त कुमार, जो फाइनेन्स पर लोन दिलवाने का कार्य करता है, को बताया गया था। अनन्त कुमार अलकनन्दा एनक्लेव में किराये पर रहता था। उसके द्वारा बताया गया कि उसकी कॉलोनी में एक बुजुर्ग व्यक्ति के मकान में भू तल पर कमरा खाली है। 9 दिसंबर को दोपहर के समय अभियुक्त अपने साथी अनन्त के साथ पैदल मृतक अशोक गर्ग के घर कमरा देखने गया था जहां मृतक अशोक गर्ग द्वारा उन्हें बताया गया कि उनके पास भूतल में कमरा खाली है पर वह केवल परिवार वालों को ही कमरा किराये पर देते है। जिस पर अभियुक्त द्वारा उन्हें शाम को आकर अपने परिजनों से बात करवाकर एडवान्स में किराया देने की बात कही गयी थी। चूँकि दोनों अभियुक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे इसलिये उनके द्वारा मृतक अशोक गर्ग को डरा धमकाकर उनसे पैसे लेने की योजना बनायी। शाम के समय दोनों अभियुक्त मृतक अशोक गर्ग के घर कमरा देखने के लिये गये, इस दौरान मृतक द्वारा दोनों अभियुक्तों के लिये चाय बनायी। बातचीत के दौरान दोनों अभियुक्तों को टेबल पर पड़ी मृतक की पासबुक से उसके खातों में काफी पैसा होने की जानकारी मिली जिस पर दोनों अभियुक्त मृतक को कमरा दिखाने के बहाने घर के पिछले हिस्से में ले गये जहाँ उनके द्वारा मृतक अशोक गर्ग को अपने पास रखे पेपर कटर से डराकर पैसों की मांग की। मृतक द्वारा दोनों को अपना पर्स देते हुये बताया कि वह अपने पास नगद पैसा नहीं रखता है तथा सारी ट्राजेक्शन ऑनलाईन करता है, जिस पर अभियुक्तों द्वारा मृतक से उसके एटीएम का पिन बताने का दबाव बनाया गया तथा उसके द्वारा आनाकानी करने पर उसे डराने के उदेश्य से अपने पास रखे पेपर कटर से उसके सीने पर वार कर दिया, पर घाव गहरा लगने के कारण मृतक का खून बहने लगा तथा वह चिल्लाने लगा। इस बीच आसपास के लोगों के गेट पर आ जाने तथा आवाज लगाने पर दोनों अभियुक्त डर गये तथा मृतक पर वार कर मौके से फरार हो गये, घटना के बाद रात्रि में दोनों अभियुक्त अपने घर गये तथा पुलिस को गुमराह करने के उदेश्य से अगले दिन घटना के समय पहने हुये कपड़े तथा घटना में प्रयुक्त पेपर कटर को अनयत्र स्थान पर फेंक दिया।