देहरादून। मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में जिला योजना, राज्य योजना, केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित योजनाओं में विभागों द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की गई। जिला योजना में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 95 प्रतिशत, राज्य सेक्टर में 85 प्रतिशत, केन्द्र पोषित योजनाओं में 92 प्रतिशत तथा वाह्य सहायतित योजनाओं में 70 प्रतिशत धनराशि का व्यय किया गया तथा सभी मदों में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 83.88 प्रतिशत धनराशि का व्यय किया गया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्राप्त धनराशि को शत-प्रतिशत व्यय करते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने रेशम एवं शिक्षा विभाग के सम्बन्धित अधिकारी की अनुपस्थित रहने पर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आवंटित धनराशि को शत् प्रतिशत् व्यय करना सुनिश्चित करेगें। आवंटित धनराशि के सापेक्ष शत्प्रतिशत् व्यय न करने वाले आहरण वितरण अधिकारी की वार्षिक प्रवृष्टि पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला योजना में 100 प्रतिशत् से कम प्रगति वाले विभागों से नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को 20 मार्च तक शत्प्रतिशत् प्रगति बढाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य सेक्टर में 95 प्रतिशत् से कम प्रगति पर उद्यान, लघु सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, पंचायतीराज, वन विभाग, पेयजल निगम आदि विभागों के अधिकारियों को शत्-प्रतिशत प्रगति बढाने के निर्देश दिए। बीस सूत्रीय कार्यक्रम में न्यून प्रगति वालो विभागों में आने वाले विभागों पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र पोषित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए 95 प्रतिशत से कम प्रगति वाले विभागों लोनिवि विभाग, पीएमजीएसवाई, पेयजल संस्थान,कृषि, पंचायतीराज विभाग को शत-प्रतिशत प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण आर सी तिवारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी शशिकांत गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 संजय जैन, सहायक निदेशक सूचना बी.सी नेगी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र अंजली रावत, अपर संख्याधिकारी राजीव शर्मा, लो.नि.वि, सिंचाई, जल संस्थान, समाज कल्याण, उरेडा, कृषि आदि संबंधित विभागों के अधिकारी कार्मिक उपस्थित रहे।