देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने देहरादून स्थित आईआरडीटी सभागार में उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बालश्रम एवं बालभित्रावृत्ति उन्मूलन तथा पुनर्वास हेतु आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया। कार्यशाला का शुभारंभ अथितियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
कैबिनेट मंत्री ने इस कार्यशाला के जरिये सभी से बालश्रम व बालभित्रावृत्ति को रोकने का आह्वाहन किया कहा कि बाल मजदूरी कहीं ना कहीं बच्चों को उनके बचपन,स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करती है जो कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है,उन्हें भी गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार है,ऐसे में बच्चों को इससे दूर रखने की जरूरत है,ताकि वह भी एक बेहतर जीवन जी सके। वहीं उन्होंने कहा कि आज सरकार बाल श्रमिकों के परिवार को वैकल्पिक रोजगार मुहैया करा रही है,साथ ही बाल श्रम से विमुक्त बाल श्रमिकों को समुचित शिक्षा भी दी जा रही है ताकि वह शिक्षित नागरिक बन सके व देश के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें।उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समस्त पदाधिकारियों से मेला एवं भीड़ वाली जगह पर जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत स्टॉल लगाए जाने,आयोग की ओर से प्रकाशित फोल्डर , पंपलेट ,हैंडव्हील का वितरण किए जाने की बात कही,ताकि सभी मे जागरूकता फैले। साथ ही कहा कि यह समस्त बच्चे देश का भविष्य हैं, बच्चों की शिक्षा स्वास्थ एवं विकास हेतु यह आवश्यक है कि उनको बाल श्रम से दूर रखा जाय। बाल श्रम एक सामाजिक एवं आर्थिक बुराई है, जिसे सरकारी विभागों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के सामूहिक प्रयास से ही दूर किया जा सकता है, साथ ही बच्चों की प्राथमिक शिक्षा अवधि से ही निरन्तर मानीटरिंग की जानी चाहिए। इस अवसर पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना, एस.के. सिंह सहित विभागीय अधिकारी व समस्त बच्चे उपस्थित रहे।