क्लोवर ऑर्गेनिक ने किसानों को किया जैविक खेती करने के लिये प्रेरित

देहरादून, नीरज कोहली। किसानों के लिए क्लोवर ऑर्गेनिक के तत्वाधान में प्रीतम रोड, डालनवाला, देहरादून में स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती की एक शाम ‘वेलनेस्ट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रसायन मुक्त उत्पाद न केवल लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखेंगे बल्कि जैविक खेती करने वाले किसानों की आय में भी काफी वृद्धि होगी। क्लोवर ऑर्गेनिक के सीईओ संजय अग्रवाल ने किसानों को रसायन मुक्त भोजन का उत्पादन करने के लिये प्रेरित करते हुए रसायन मुक्त भोजन का उत्पादन करने से मिलने वाले लाभों से अवगत कराया। उन्होंने समस्त शहरवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए क्लोवर ऑर्गेनिक मासिक आधार पर ‘वेलनेस्ट’ कार्यक्रम आयोजित करेगा।
इस मौके पर संस्था की निदेशक पिंकी अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम का लक्ष्य 45 हजार से अधिक किसानों को उचित सलाह देना और उनके उत्पादों की बिक्री का समर्थन करने के लिए ‘वेलनेस्ट’ का उपयोग करना था। इस परियोजना का उद्देश्य काफी रियायती दरों पर किसानों और नवोदित उद्यमियों को व्यावसायिक अवसर प्रदान करने के अलावा पर्यावरण का संरक्षण करना भी है। मुख्य अतिथि मुक्ता पाटिल (पोषण विशेषज्ञ) ने कार्यक्रम आयोजन की सराहना करते हुए किसानों को पोषण युक्त उत्पादों की ओर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि पोषणयुक्त भोजन की वर्तमान में बेहद मांग है और उनकी आशा से भी अधिक कीमत मिलती है।
वेस्ट वॉरियर व कवि विनीत पंक्षी ने वेस्ट कंपोस्टिंग का उपयोग खेती में करने के तरीके बताये। किसानों को संबोधित करते हुए विनीत ने कहा कि जिन चीजों को हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं वह खेती के लिये बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं। कार्यक्रम में आये न्यूट्रिशियन ने हेल्थ एंड फिटनेस के बारे में जागरूक किया। पपेट शो देखकर किसान रोमांचित हो गये। कार्यक्रम में आये किसान दीपक उपाध्याय और आशीष व्यास ने अपने अनुभव बताते हुए किसानों को ‘वेलनेस्ट’ का उपयोग कर अपनी आय में वृद्धि करने के उपाय बताये। कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं द्वारा 24 स्टॉल लगाये गये। इन स्टॉलों पर जैविक उत्पाद जायस मोमबत्तियाँ, पाइन निडिल डेकोरेशन के सामान, हस्तनिर्मित आचार, हिमालयी मसाले, बाजरा बेकरी उत्पाद और किसानों द्वारा उगाये गये जैविक और ताजा सब्जियां और फल प्रदर्शित किये गये। कार्यक्रम आयोजन में इवेंट मैनेजर हिमानी उपाध्याय व अन्य कर्मियों का सहयोग रहा।