राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का तीन दिवसीय सम्मेलन शुरू,लोकसभा अध्यक्ष ने किया शुभारंभ

राजस्थान/उदयपुर, नीरज कोहली: राजस्थान की मेजबानी में पहली बार राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र का तीन दिवसीय सम्मेलन आज से झीलों की नगरी उदयपुर में हो रहा है। जिसका शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया।
आपको बता दे की सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश के 17 विधानसभा अध्यक्ष, 13 विधानसभा उपाध्यक्ष, 3 विधान परिषद सभापति और 5 विधान परिषद उप सभापति सहित कई डेलीगेट्स यहां पहुंचे हुए हैं।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र की सदस्य उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने उदयपुर पहुंची जहां उन्होंने सम्मेलन से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्यकारी सदस्य की बैठक में प्रतिभाग किया। इस दौरान मेजबानी कर रहे राजस्थान विधानसभा द्वारा सभी सदस्यों को राजस्थान की पारंपरिक पगड़ी भेंट की गई। सम्मेलन का मुख्य विषय डिजिटल युग में लोकतंत्र और सुशासन को सुदृढ़ करना रखा है।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मौके पर मौजूद रहे। लंदन स्थित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ मुख्यालय के अध्यक्ष इयान लिडेल ग्रेंजर भी मौजूद रहे और अपना सम्मेलन के शुभारंभ के अवसर पर अपने विचार रखे।
अपने उद्घाटन संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा की सूचना प्रौद्योगिकी व डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग से विधानमंडलों को जनता के और अधिक नजदीक लाने तथा पारदर्शिता-जवाबदेही बढ़ाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
लोकतांत्रिक संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए जरूरी है कि डिजिटल माध्यम से विधान मंडलों में जनता की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा की गांव-ढाणी के लोग जब सदन में उठे मुद्दों व प्रश्नों,वहां हुई चर्चाओं तथा जनप्रतिनिधियों के कार्यों के बारे में जानेंगे तो वे स्वयं से जुड़े विषयों पर अधिक जागरूक होंगे।
सदन जन-भावनाओं की अभिव्यक्ति के केंद्र हैं। लोकतंत्र की यात्रा में सदनों के माध्यम से ही जनता के अभाव दूर हुए हैं, देश विकास की राह पर बढ़ा है। आवश्यक है कि सदन में चर्चा में आए विषयों को सरकार सकारात्मकता से ले।

ऐसे चलेंगे सत्र- इन विषयों पर मंथन

9वां सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन आज और कल 22 अगस्त को कुल दो सत्रों में आयोजित हो रहा है। पहले सत्र में ‘डिजिटल सशक्तिकरण, गुड गवर्नेंस की दिशा में जनप्रतिनिधियों के कौशल’ और ‘वर्तमान युग की चुनौतियों में जनप्रतिनिधित्व’ जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसी तरह से दूसरे सत्र में ‘लोकतान्त्रिक संस्थाओं के माध्यम से देश को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका’ विषय पर चर्चा होगी।