रामनगर। जी 20 मुख्य विज्ञान सलाहकार गोलमेज सम्मेलन की पहली बैठक उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में संपन्न हो गई। बैठक में जिन तीन विषयों पर चर्चा हुई उनमें पहला, बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की रोकथाम की तैयारी के लिए वन हेल्थ। दूसरा, वैज्ञानिक ज्ञान तक आम जन की पहुंच के लिए वैश्विक प्रयासों में समन्वय। तीसरा, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में विविधता, समानता और समावेश। इस बात पर सहमति बनी कि वैज्ञानिक सलाहकार अंतरराष्ट्रीय संवाद में सहयोग करें ताकि साइंस और टेक्नोलॉजी का लाभ सभी को मिल सके।
जी 20 मुख्य विज्ञान सलाहकार गोलमेज सम्मेलन की पहली बैठक 28 से 30 मार्च तक कॉर्बेट सिटी रामनगर में आयोजित की गई। इसके लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ने बड़ी तैयारी की गई। बैठक में प्रतिभाग करने तमाम देशों से आए प्रतिनिधियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। धामी सरकार ने सम्मेलन को उत्तराखंड के लोक संस्कृति, स्थानीय व्यंजन, लोक कला, जैव विविधता का शोकेस करने के महतवपूर्ण अवसर के रूप में लिया। विदेशी डेलीगेट भी इससे अभिभूत नजर आए। सीएम धामी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड, ष्देवभूमिष् के रूप में विख्यात है। यह प्रदेश सनातन धर्म और संस्कृति का प्राचीनतम केंद्र भी है। उत्तराखंड को जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन करने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस महत्त्वपूर्ण दायित्व को निभाते हुए हम स्वयं को गौरवांवित अनुभव कर रहे हैं, यह सभी उत्तराखंडवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को विज्ञान, तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय स्तर का प्रदेश बनाना है जिससे सामान्य लोगों का जीवन और अधिक सहज, सरल और समृद्ध हो सके। उत्तराखंड को जी 20 की दो अन्य मत्वपूर्ण बैठकों के आयोजन का दायित्व भी दिया गया है। 25 से 27 मई तक एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की मीटिंग नरेंद्र नगर में होगी। जबकि 26 से 28 जून तक इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक नरेंद्र नगर में होगी। उत्तराखंड सरकार इनकी तैयारी भी बड़े स्तर पर कर रही है।