देहरादून, नीरज कोहली। अरबों रुपये की चाय बागान और सीलिंग की जमीनों की खरीद-फरोख्त को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने जमीनों के घोटाले की जांच सीबीआई से करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चाय बागान की जमीन के भूमाफिया से जुड़े तार कई राज्यों में फैले हैं। ऐसे में इस मामले को सीबीआई को दिया जाना चाहिए। एडवोकेट विकेश ने कहा है कि यदि सरकार मामले को सीबीआई को नहीं देगी तो उन्हें हाईकोर्ट की शरण में जाना होगा।
चाय बागान की जमीन को खुर्द-बुर्द करने के नियमित नये-नये खुलासे हो रहे हैं। लाडपुर, रायपुर, चकरायपुर और नत्थनपुर में चाय बागान की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का खेल चल रहा है। एडवोकेट विकेश नेगी ने आरटीआई के माध्यम से इसका खुलासा किया। इसके बाद हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की। इसके बाद ही जिला प्रशासन थोड़ा हरकत में आया है।
एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार भूमाफिया के तार और पकड़ कितनी मजबूत है कि उसने भाजपा प्रदेश मुख्यालय के लिए ही चाय बागान की सीलिंग की जमीन बेच दी। उनका कहना है कि निबंधक और राजस्व विभाग के अफसरों के साथ भूमाफिया की मिलीभगत है। इस कारण सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है।आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी के मुताबिक जब मुख्यमंत्री रुड़की के बेलड़ा कांड, बिडलास जमीन घपले की जांच सीबीआई को सौंप सकते हैं तो चाय बागान की भूमि को खुर्द-बुर्द करने की जांच सीबीआई को क्यों नहीं दे रहे हैं? इस मामले में भूमाफिया के तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द नहीं किया तो वह हाईकोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका दायर करेंगे।