देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा भारतीय सहस्त्र बल वेटरन दिवस की पूर्व संध्या पर मिलन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने वैटनर्स डे में वीरता पदक धारकों तथा वयोवृद्ध सैनिकों को श्रीराम का पटका पहनाकर सम्मानित किया तथा नए वर्ष की डायरी भेंट की।
देहरादून के न्यू कैंट रोड़ स्थित शासकीय आवास पर वेटरन दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित मिलन समारोह में कई वायु सेना, थल सेना और नौसेना के पूर्व सैनिकों ने सेना में देश सेवा के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया। मेजर जनरल सम्मी सभरवाल ने सेना के दौरान अपने अनुभव साझा किए उन्होंने कहा प्रदेश सरकार निरंतर सैनिकों और उनके आश्रितों के प्रति पूर्ण गंभीरता से अनवरत कार्य करतें रहते है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का आभार भी प्रकट किया। जनरल देवेश अग्निहोत्री ने कहा सैनिक के लिए देश सर्वोपरि है, उन्होंने कहा हमें गर्व है हम अलग है। उन्होंने कहा कि सभी पूर्व सैनिक अपनी मर्यादाओं का ध्यान रखें। कर्नल क्षेत्री ने कहा मंत्री गणेश जोशी एक पूर्व सैनिक होने के नाते सैनिकों के सम्मान और उनकी समस्या के निराकरण के लिए हमेशा सजग रहते है।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि पूर्व आर्मी कमाण्डर ले0 जनरल योगेन्द्र डिमरी ने कहा कि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए चाहे संपदा कार्यालय हो या फिर कैंटीन, सैनिक विश्राम गृहों के निर्माण सहित अनेकों कार्य तेजी के साथ किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहे वेटरन के लिए भी कुछ करने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत आवश्यकता को वेटरन के माध्यम से कैसे पहुंचे, इस पर मंथन की आवश्यकता है। मेजर जनरल केडी सिंह ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी को सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में आपदा जैसी घटनाएं अक्सर देखने को मिलती है। उन्होंने एक वेलफेयर बनाने तथा एक सैनिक कोष बनाने का सुझाव दिया ताकि जरूरत पड़ने पर आमजन के काम आ सके। जिसपर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने एक पूर्व सैनिक वेलफेयर कोष बनाने तथा 05 लाख रुपए देने की कोष के लिए घोषणा की ।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भारतीय सेना के सभी सैनिकों और उनके परिवारों को 8वें वैटरन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा वैटनर्स डे, भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ (सी-इन-सी) फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा, जिन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाई थी। उन्होंने कहा पहला वैटनर्स-डे 14 जनवरी, 2016 को मनाया गया था और हमारे सशस्त्र बल पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मान में इस तरह के संवादात्मक कार्यक्रमों की मेजबानी करके हर साल इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा यह दिन वैटनर्स डे के रूप में मनाया जाता है और यह पूर्व सैनिकों को समर्पित है। सैनिक कल्याण मंत्री ने वैटनर्स डे के मौके पर सभी के बलिदानों को भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की विरासत को संरक्षित करने के लिए समुद्र, हवा और विदेशी तटों पर बहादुरी से लड़ाई लड़ी भारतीय सैनिकों का समर्पण और बलिदान हमारे लिए अद्वितीय है।
सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का अति विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के सपूतो ने जांवॉज सैनिकों के रुप में देश में ही नही अपितु विश्व के जनमानस के मध्य एक लोकप्रिय पहचान बनाई है। हमारे सैनिकों का देश की सीमाओं की रक्षा आंतरिक सुरक्षा एवं दैवीय आपदाओं से निपटने में अग्रणी योगदान रहा है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के सैनिकों ने सैन्य इतिहास के पन्नों में खून से अपना नाम लिखकर अमर कर दिया है। मंत्री ने कहा आज भी इन सैनिकों की बहादुरी कर्तव्यनिष्ठा और देश भक्ति जग जाहिर है और ये न केवल प्रदेश के लिये बल्कि पूरे देश के लिये प्रेरणा के स्त्रोत हैं । सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा एक पूर्व सैनिक होने के नाते आपकी सेवा के लिए आपको धन्यवाद देना मेरे लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों तथा उनके अश्रितों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। जिसमें वीरता पदक धारकों के अनुदान राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। राज्य सरकार द्वारा वीरता पदक धारकों को राज्य परिवहन की बसों में निशुल्क यात्रा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस देश में एक ऐसा दौर भी रहा जब हमारे इन वीरों को को बुनियादी सुविधाओं तक के लिए संघर्ष करना पड़ा। रोजमर्रा की आवश्यकता के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। मंत्री ने कहा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के सशक्तिकरण किया जा रहा है। आज ना केवल हमारे सैनिक अत्याधुनिक हथियारों और सुविधाओं से लैस हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा आज सेना दुश्मन को जवाब देने के लिए पहले की तरह इंतजार नहीं करती, बल्कि गोली का जवाब गोले से देती है। उन्होंने कहा जवानों के बीच कोई प्रधानमंत्री जाता है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाता है। भारत की सेना का सैनिक होना गर्व की बात है। मैं फौज का सिपाही नहीं होता तो मैं मंत्री भी नहीं होता,मेरी पृष्ठ भूमि फौज से रही है। मंत्री ने सभी पूर्व सैनिकों से अनुरोध करते हुए कहा हमारी पारिवारिक जिमेदारी के साथ – साथ सामाजिक जिमेदारी भी निभाना जरूरी है।
इस अवसर पर ले0 जनरल योेगेन्द्र डिमरी, वाइस एडमिरल विनय बधवार, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल, मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, मेजर जनरल ओम प्रकाश सिंह राणा, मेजर जनरल केडी सिंह, वाइस एडमिरल अनुराग थपलियाल, ब्रिगेडियर के०जी० बहल, बिग्रेडियर जे.एन.एस बिष्ट, कर्नल आएएस भंडारी, शमशेर बैंग बिष्ट, टीडी मडिया, कैप्टन आनन्द सिंह राणा, के धनीराम नैनवाल, कैप्टन कैलाश चंद्र, ले0 कर्नल बीएम थापा, कर्नल जीएस चंद्र, कर्नल आरएस क्षेत्री, बीपी शर्मा, कर्नल एमएस जोधा, कैप्टन डीके प्रधान, सुखदेव गुरुंग सहित कई लोग उपस्थित रहे।