अपूर्ण योजनाएं जल्द होंगी पूरी, मिसिंग लिंक फण्ड के तहत पूरे किए जाएंगे प्रोजेक्ट्स

देहरादून। अनुमोदित प्रस्तावों पर शासनादेश जारी करने में विलम्ब पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को इस सम्बन्ध में तत्परता से कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने मिसिंग लिंक फण्ड के तहत जिन विभागों में प्रस्ताव डीपीआर, टीएसी या डीएफसी स्तर पर लम्बित हैं, उनकी प्रक्रिया को त्वरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में मिसिंग लिंक से पोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को मिसिंग लिंक द्वारा फंडिंग किए जाने पर सहमति बनी।
मुख्य सचिव ने सचिव वित्त को सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए, ताकि बजट जारी कर अधूरी योजनाओं को पूरा किया जा सकें। मिसिंग लिंक फंडिंग पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मिसिंग लिंक फंडिंग अपूर्ण योजनाओं को पूरा करने का स्वर्णिम अवसर है। इस सम्बन्ध में सभी विभाग अपने स्तर पर ऐसी आधी-अधूरी योजनाओं का गंभीरता से आंकलन करे, फील्ड ऑफिसर्स से भी जानकारी ली जाए। सभी विभागों को योजनाओं की ऑनरशिप लेते हुए कार्य करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने योजनाओं की स्वीकृति व क्रियान्वयन में प्रक्रियाओं की स्पष्टता व सरलीकरण के निर्देश भी दिए है।मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पूर्व में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति भी पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर नियमित अपलोड की जाए। पीएम गतिशक्ति में इन प्रोजेक्ट्स की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाती है। अधिकारियों विशेषरूप से सचिवों की अनुपस्थिति में पत्रावली सम्बन्धित शासकीय कार्यों में विलम्ब न हो इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी इस सम्बन्ध में समाधान हेतु किसी भी समय तत्काल मुख्य सचिव से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को शासकीय कार्यों में तत्परता से कार्य करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत दी। मिसिंग लिंक के तहत ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी जाती है जिन्हें जनपदों में किसी भी योजना के तहत फंडिंग नही हो पाती, ऐसे प्रोजेक्ट्स को मुख्य सचिव कोष से फंडिंग की जाती है। बैठक में सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, डा बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित वित्त, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, उद्यान विभाग, ऊर्जा के अपर सचिव तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चंपावत मौजूद रहे।