देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड विधानसभा में सत्र के दौरान उत्तराखण्ड के राज्यपाल द्वारा अभिभाषण में सरकार के पक्ष में दिये गये बयान को उनके संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने महामहिम राज्यपाल के बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि कहा कि किसी भी राज्य के राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि होते हैं तथा विधानसभा सत्र के दौरान अपने अभिभाषण के माध्यम से सरकार की नीतियों को सदन में रखना उनका दायित्व है परन्तु वे किसी सरकार के पक्ष में मीडिया या प्रेस के माध्यम से अपने पद की गरिमा के खिलाफ जाकर किसी सरकार का मुखौटा बन कर उसके पक्ष में बयान नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराण्ड के राज्यपाल ने वर्षों से चली आ रही परम्पराआंे को तोड़ने का काम किया है जिसके चलते कंाग्रेस पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल के इस्तीफे की मांग की है जो न्यायोचित है। करन माहरा ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान महामहिम राज्यपाल द्वारा सरकार के मुखौटे के रूप में बयान देना राज्यपाल के संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कहा जायेगा। उन्होने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है न कि किसी पार्टी विशेष का उन्हें ऐसी बयानबाजी से दूरी बनानी चाहिए थी।